नगरीय निकाय चुनाव के लिए कुछ दिन ही शेष है। ऐसे में राजनीतिक उठा-पटक का दौर शुरू हो गया है। इस उठा-पटक में ट्वीस्ट तब आया जब पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के कट्टर समर्थक माने जाने वाले जोगी कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विभाष सिंह ठाकुर ने जोगी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। जोगी कांग्रेस से इस्तीफा के बाद कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया है। कुछ लोगों का यह मानना है कि विभाष सिंह जोगी कांग्रेस से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल होंगे। यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि पूर्व में कांग्रेस पार्टी में रहते हुए पार्टी के नियम विरूद्ध कार्य कर चुके हैं। ऐसे में कुछ ऐसे भी कार्यकर्ता हैं जो सोशल मीडिया में गुलाबो गैंग नोट एंट्री पोस्ट करते हुए इसका विरोध जता रहे हैं।
जोगी कांग्रेस के झंडे का कलर गुलाबी है। ऐसे में उक्त पार्टी के कार्यकर्ताओं को गुलाबो गैंग की संज्ञा दी जा रही है। सोसल मीडिया में यह पोस्ट होते ही लगातार इसमें ट्रोल हो रहे हैं। कुछ लोग समर्थन में नजर आ रहे हैं, तो कुछ लोग इस विरोध का साथ दे रहे हैं।
हर गुट में विरोध
कांग्रेस भी कई गुटों में बंटा हुआ है। बड़े नेताओं के अलग-अलग गुट हैं। सभी गुटों में इसका विरोध है, लेकिन इस बात को कोई खुल कर बोलने के लिए तैयार नहीं है। इसकेपीछे कारण यह बताया जा रहा है कि पहले जिन जोगी कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ता का कांग्रेस प्रवेश हुआ था। उसमें प्रदेश स्तर के नेताओं ने स्थानीय पदाधिकारियों की राय ली थी, लेकिन इस बार अब तक ऐसा भी मामला नहीं आया है।
कांग्रेस भी कई गुटों में बंटा हुआ है। बड़े नेताओं के अलग-अलग गुट हैं। सभी गुटों में इसका विरोध है, लेकिन इस बात को कोई खुल कर बोलने के लिए तैयार नहीं है। इसकेपीछे कारण यह बताया जा रहा है कि पहले जिन जोगी कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ता का कांग्रेस प्रवेश हुआ था। उसमें प्रदेश स्तर के नेताओं ने स्थानीय पदाधिकारियों की राय ली थी, लेकिन इस बार अब तक ऐसा भी मामला नहीं आया है।
जिला अध्यक्ष के प्रवेश पर नहीं पड़ा था फर्क
विधानसभा चुनाव तक जोगी कांग्रेस के साथ कार्यकर्ता जुड़े रहे, लेकिन जैसे ही विधानसभा का रिजल्ट आया और जोगी कांग्रेस को पूरे प्रदेश में करारी हार मिली इसके बाद से पार्टी के कार्यकर्ताओं का जोगी कांग्रेस से मोह भंग होना शुरू हो गया। विधानसभा चुनाव के बाद जब लोक सभा चुनाव शुरू हुआ उस समय रायगढ़ जिले के जोगी कांग्रेस जिलाध्यक्ष दयाराम धुर्वे व अन्य सदस्यों ने कांग्रेस की सदस्यता ली थी। इस समय इतना बवाल नहीं हुआ था।
विधानसभा चुनाव तक जोगी कांग्रेस के साथ कार्यकर्ता जुड़े रहे, लेकिन जैसे ही विधानसभा का रिजल्ट आया और जोगी कांग्रेस को पूरे प्रदेश में करारी हार मिली इसके बाद से पार्टी के कार्यकर्ताओं का जोगी कांग्रेस से मोह भंग होना शुरू हो गया। विधानसभा चुनाव के बाद जब लोक सभा चुनाव शुरू हुआ उस समय रायगढ़ जिले के जोगी कांग्रेस जिलाध्यक्ष दयाराम धुर्वे व अन्य सदस्यों ने कांग्रेस की सदस्यता ली थी। इस समय इतना बवाल नहीं हुआ था।
भाजपा और जोगी कांग्रेस से टकराव
नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। कांग्रेस और भाजपा अपनी-अपनी रणनीति तैयार कर रही है। प्रदेश में सत्ता होने पर कांग्रेस इस बार शहर की सत्ता पर काबिज होने के लिए जोर अजमाइश के लिए गुंताडा लगा रही है। इस बीच उनके समक्ष यह नई समस्या आ रही है। माना यह जा रहा है कि यदि पार्टी अभी जोगी कांग्रेस के सदस्यों को कांग्रेस में लेती है तो इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।
नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। कांग्रेस और भाजपा अपनी-अपनी रणनीति तैयार कर रही है। प्रदेश में सत्ता होने पर कांग्रेस इस बार शहर की सत्ता पर काबिज होने के लिए जोर अजमाइश के लिए गुंताडा लगा रही है। इस बीच उनके समक्ष यह नई समस्या आ रही है। माना यह जा रहा है कि यदि पार्टी अभी जोगी कांग्रेस के सदस्यों को कांग्रेस में लेती है तो इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।
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