ताकि 1 जुलाई से शुरू होने वाले दूसरे चरण के आवेदन में आरक्षित सीट संख्या के हिसाब से ड्रा की प्रक्रिया किया जा सके। 1 जुलाई से दूसरे चरण में प्रवेश के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी जो कि 30 जुलाई तक चलेगी। वहीं लॉटरी के लिए 17 से 20 जुलाई का समय निर्धारित किया गया है। लॉटरी के बाद 22 जुलाई से दूसरे चरण के चयनित बच्चों को प्रवेश दिलाने की प्रक्रिया होगी।
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CG Education: दूसरे चरण बच्चे कोर्स में पिछड़ेंगे
प्रथम चरण में चयनित बच्चों को जहां मार्च व अप्रैल माह में पूरा कराए गए कोर्स को पूरा करने के लिए मेहनत करना पड़ेगा, तो वहीं दूसरे चरण में चयनित बच्चों को मार्च अप्रैल के अलावा जून माह में सामान्य बच्चों को कराए गए कोर्स को पूरा करने के लिए मेहनत करना पड़ेगा।
डीईओ बी बाखला का कहना है कि प्रथम चरण में चयनित बच्चों के प्रवेश की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 1 जुलाई से दूसरे चरण के लिए आवेदन लिया जाएगा।
CG Education: ऐसे होता है आरटीई के माध्यम से स्कूल में प्रवेश
भारत सरकार ने शिक्षा के अधिकार (आरटीई – RTE) अधिनियम 2009 को लागू किया, जिसका उद्देश्य प्रत्येक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना है। इस अधिनियम के तहत, देश भर के सभी निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को अपनी कुल सीटों का 25% गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित करना होता है। छत्तीसगढ़ राज्य भी इस अधिनियम को लागू करने में अग्रणी है और इसके तहत कई बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिला है। आइए छत्तीसगढ़ में आरटीई के माध्यम से स्कूल में प्रवेश की प्रक्रिया और स्थिति पर एक नज़र डालें।आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया
आरटीई के तहत प्रवेश की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। छत्तीसगढ़ में आरटीई के तहत प्रवेश की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में संपन्न होती है –
आवेदन प्रक्रिया
इच्छुक अभिभावक आरटीई पोर्टल पर अपने बच्चों का पंजीकरण कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें आवश्यक दस्तावेज जैसे कि आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, और बच्चे की जन्म तिथि का प्रमाण अपलोड करना होता है।
लॉटरी प्रणाली
यदि किसी स्कूल में आरक्षित सीटों से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, तो सीटों का आवंटन लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाता है। यह प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी और निष्पक्ष होती है।
दस्तावेज़ सत्यापन
लॉटरी में चयनित बच्चों के अभिभावकों को संबंधित स्कूल में जाकर दस्तावेज़ सत्यापन करना होता है। सत्यापन के बाद बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित किया जाता है।
प्रवेश और शिक्षा
दस्तावेज़ सत्यापन के बाद, बच्चे को स्कूल में प्रवेश मिल जाता है और वह नियमित छात्र की तरह पढ़ाई शुरू करता है।
CG Education: आरटीई के तहत छत्तीसगढ़ में उपलब्धियां
छत्तीसगढ़ में आरटीई के तहत शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में लगभग 500 निजी स्कूल आरटीई के तहत बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। प्रत्येक स्कूल में 25% सीटें आरटीई के तहत आरक्षित हैं, जिससे हजारों वंचित बच्चों को गुणवत्ता शिक्षा का अवसर मिला है।
चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि छत्तीसगढ़ में आरटीई के तहत स्कूल में प्रवेश की प्रक्रिया सफलतापूर्वक चल रही है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं:
जागरूकता की कमी
ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में आरटीई के बारे में जागरूकता की कमी है। कई अभिभावकों को इस योजना के बारे में जानकारी नहीं है, जिससे वे इसका लाभ नहीं उठा पाते।
दस्तावेज़ संबंधी समस्याएं
कई बार आवश्यक दस्तावेजों की कमी के कारण बच्चों को प्रवेश नहीं मिल पाता। विशेषकर आय प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाइयाँ होती हैं।
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स्कूलों की भागीदारी
कुछ निजी स्कूलों में आरटीई के तहत बच्चों के प्रवेश के प्रति उत्साह की कमी देखी गई है। स्कूल प्रशासन द्वारा प्रवेश प्रक्रिया में अड़चने डालने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
ये है समाधान – जागरूकता अभियान
राज्य सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा आरटीई के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। रेडियो, टीवी, सोशल मीडिया और ग्रामीण इलाकों में पर्चे बांटकर लोगों को इस योजना के बारे में जानकारी दी जा रही है।
सहायता केंद्र
दस्तावेज़ संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए विभिन्न सहायता केंद्र खोले गए हैं, जहां अभिभावकों को आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने में सहायता की जाती है।
निगरानी और मूल्यांकन
राज्य शिक्षा विभाग द्वारा नियमित रूप से स्कूलों की निगरानी और मूल्यांकन किया जा रहा है ताकि आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
चुनौतियाँ अब भी हैं
छत्तीसगढ़ में आरटीई के माध्यम से स्कूल में प्रवेश की प्रक्रिया ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया है। वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर प्रदान करके राज्य ने एक सकारात्मक कदम उठाया है। हालाँकि चुनौतियाँ अब भी मौजूद हैं, लेकिन सरकार और समाज के सामूहिक प्रयासों से इन्हें हल किया जा सकता है। आरटीई के तहत प्रवेश की इस प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और व्यापक बनाने के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक हैं।