नवगठित सारंगढ़ जिले में बिलाईगढ़ तहसील के ग्राम मलूहा निवासी गंगाधर के नाम पर सोनाली जलाशय के प्रभावित क्षेत्र में भू-स्वामी हक की भूमि थी। सोनाली जलाशय के निर्माण के पूर्व भू-अर्जन के लिए वर्ष 2000 के पूर्व ही प्रकरण क्रमांक /912/भू-अ.प्र.क्र- 2018072 101100070 चला जिसमें प्रभावित किसानों की भूमि ली गई। भू-अर्जन का प्रक्रिया पूरा किए बगैर ही जलाशय का निर्माण कर दिया गया और वर्ष 2000 में प्रभावितों की भूमि जलाशय में व डूबान क्षेत्र में आ गई।
पीड़ित ने लिखित शिकायत के माध्यम से बताया है कि वर्ष 2000 से अब तक सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। वर्तमान में देखा जाए तो सीएम जनदर्शन में दो बार अपनी समस्या के समाधान के लिए पहुंचा इसके बाद नवगठित जिले के कलेक्टर के पास अब तक 5 बार जाकर गुहार लगा चुके हैं। इतना ही नहीं तहसील स्तर पर तहसीलदार व एसडीएम के तो अनगगिनत चक्कर काट चुके है, लेकिन आज पर्यंत मुआवजा की राशि नहीं मिला। इससे पीड़ित गंगाधर और उसकी पत्नी सहौद्रा कलेक्टर से मिलने के लिए कर नापते हुए पहुंचे। कर नापते हुए कलेक्टर के समक्ष पहुंचकर अपनी समस्या से एक बार फिर अवगत कराते हुए मुआवजा राशि दिलाने की मांग की गई।
CG Ajab Gajab: आ रही आर्थिक समस्या
पीड़ित
किसान ने बताया कि उसके पास आजीविका के साधन के तौर पर कृषि भूमि ही थी, जो चले जाने के बाद कृषि कार्य नहीं कर पा रहा है। मुआवजा राशि न मिलने के कारण अन्य स्थान पर कृषि कार्य या फिर अन्य कार्य नहीं कर पा रहा है। इससे परिवार के जीविकोपार्जन के लिए आर्थिक समस्या आ रही है।