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रायगढ़

राजस्व विभाग ने आधी-अधूरी कार्रवाई कर जांच रिपोर्ट कर दिए गायब, दर्जन भर कालोनियों में लटक रही तलवार

EWS की जमीन नहीं छोडऩे वाले 17 कालोनाइजरों को निगम ने दिया था नोटिस, जांच के बाद रिपोर्ट हो गए गायब .

रायगढ़Oct 15, 2019 / 06:49 pm

CG Desk

Revenue department

Revenue department

रायगढ़ . शहर के कालोनाइजरों पर जिला प्रशासन मेहरबान है इसलिए जब इसको लेकर शिकायत आती है तो आधी-अधूरी जांच व कार्रवाई कर खानापूर्ति कर दिया जाता है। राजस्व विभाग ने जहां तीन दर्जन से अधिक कालोनियों में से महज दर्जन भर कालोनियों की जांच की तो वहीं नगर निगम ने ईडब्ल्यूएस की जमीन नहीं छोडऩे वाले 17 कालोनाइजरों को नोटिस देकर भूल गई है।

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जिले में शुरू से ही कालोनियों को पूरी छूट दे दी गई है। यही कारण है कि कहीं बिना नगर एवं ग्राम निवेश के नक्शा पास कराए ही कालोनी विकास की अनुमति निगम से लेकर प्लाट की विक्रय शुरू कर दी जाती है तो कहीं पर नियमों को ताक पर रखकर ईडब्ल्यूएस के लिए जमीन ही नहीं छोड़ी जाती है। यही नहीं कई कालोनाइजर तो सरकारी व अन्य जमीन पर अतिक्रमण कर प्लाट काटकर विक्रय करने का काम करते हैं, लेकिन इन कालोनाइजरों पर सख्ती नहीं दिखाई गई है। हाल ही में एक मामला सामने आया है जिसमें जगतपुर में श्यामसुंदर अग्रवाल के नाम से कालोनी का पंजीयन कराने रेरा में आवेदन दिया गया है।

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जब रेरा ने संबंधित आवेदनों के दस्तावेजों की जांच की तो पता चला कि नगर एवं ग्राम निवेश से नक्शा पास कराने का कोई दस्तावेज नहीं है, लेकिन नगर निगम द्वारा कालोनी विकास की अनुमति जारी कर दी गई है। उक्त कालोनी का पंजीयन रोक दिया गया है, लेकिन सूत्रों की माने तो कालोनी में कई प्लाट काटकर विक्रय किए जा चुके हैं। तत्कालीन कलेक्टर शम्मी आबिदी के निर्देश पर एसडीएम ने साल भर पहले वर्ष 2012 के बाद बने कालोनियों की कुंडली खंगालने का काम शुरू किया।

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इसमें करीब 34 कालेानियों के नाम सूची में शामिल थे जिसमें से करीब दर्जन भर का जांच करने के बाद जांच टीम शांत बैठ गई और आज पर्यंत उक्त रिपोर्ट का पता ही नहीं चला। नगर निगम ने कुछ माह पूर्व शहर के ऐसे कालोनाइजर जो कि कालोनी तो बना लिए हैं, लेकिन ईडब्ल्यूएस के लिए जमीन नहीं छोड़ी गई हैं और न ही आश्रय शुल्क जमा किया गया। ऐसे 17 कालोनाइजरों को नोटिस थमाया था इसमें कइयों का जवाब भी निगम को मिला है, लेकिन इसमें आगे किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है।

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इसकी भी पूरी हो चुकी है जांच
टीपाखोल डेम से निकली 12 किलोमीटर की नहर में अतिक्रमण हो चुका है जिसके कारण नहर गायब हो गया है। इसमें कुछ निजी अतिक्रमण होने के अलावा कुछ कालोनियों का भी अतिक्रमण जांच के दौरान सामने आया था। हालांकि एसडीएम द्वारा गठित जांच टीम ने इस मामले में जांच पूरी कर ली है। बताया जाता है कि रिपोर्ट भी उच्च अधिकारियों को सौंप दिया गया है पर न तो अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया गया न कोई कार्रवाई की गई।

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कालोनियों की जांच के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। इसकी सूचना मिलने के बाद मै फाइल खोजवा रहा हूं। अगर जांच की गई है और जांच में गड़बड़ी मिली है तो संबंधित पर कार्रवाई होगी।
आशीष देवांगन, एसडीएम रायगढ़

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