यह दल खम्हार गांव में 4 किसानों के धान की खड़ी फसल को रौंद कर बर्बाद कर दिया। छाल रेंज के बोजिया बीट में हाथियों की संख्या 34 है, जो एक बीट में ज्यादा संख्या है। यहां हाथियों के दल ने हाटी व जोगड़ा गांव के 17 किसानों की फसल को बर्बाद कर दिया।
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इसी तरह छाल के बीट क्रमांक 511 में 17 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। वहीं छाल के ही बीट क्रमांक 551 में 11 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। इस दल ने हाटी के 8 किसानों की फसल को बर्बाद कर दिया। इसके अलावा धरमजयगढ़ वन मंडल अंतर्गत कापू रेंज (terror of elephants) के पुसाऊडेरा में 13 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। हाथियों के दल ने पुसाऊडेरा, तिलाईबेवरा व अलोला गांव में 7 किसानों की सफल को नुकसान पहुंचाया है। हाथियों से नहीं करें छेड़खानी terror of elephants: वन विभाग के अधिकारियों की माने तो हाथियों को लेकर विभागीय टीम मुनादी के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रही है। इसमें ग्रामीणों को हाथियों की मौजुदगी की सूचना तो देती ही है। इसके अलावा हाथियों से किसी प्रकार से छेड़खानी नहीं किए जाने की नसीहत भी देती है। बताया जा रहा है कि हाथियों से यदि छेड़खानी होती है तो उसका स्वभाव उग्र हो जाता है और जनहानि की संभावना बनती है।
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दहशत में क्षेत्र के लोग हाथियों की मौजुदगी को लेकर क्षेत्र के लोगों में दशहत का माहौल है। मौजुदा समय पर गौर करे तो कई जगहों पर धान की फसल पकने वाली है तो कई जगह पर पक कर तैयार हो चुकी है। इस समय हाथियों का दल खेतों में पहुंच कर धान की फसल को चौपट कर रहा है। इससे ग्रामीणों (terror of elephants) को काफी नुकसान हो रहा है। बताया जा रहा है कि नुकसान का आंकलन करते हुए वन विभाग के द्वारा जो क्षतिपूर्ति राशि दी जाती है वह नकाफी साबित होती है। कई जगह कर रहे रतजगा धरमजयगढ़ वन मंडल के कई ऐसे गांव हैं जहां ग्रामीणों के द्वारा रतजगा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि गांव के लोग आपसी सामाजस्य से लोगों की टोली बनाते हैं जो खेत में मचान बनाते हुए फसल की रखवाली करते हैं। इस बीच यदि हाथी आता है तो हो-हल्ला (terror of elephants in raigarh) करते हुए हाथियों का जंगल की तरफ खदेड़ा जाता है। स्थिति नहीं संभलने की दिशा में अन्य ग्रामीण व वन विभाग की मदद ली जाती है।