जिन्हें कुछ समय के लिए तो विश्वास ही नहीं हुआ। वो बार- बार अपना रोल नंबर को चेक किए। अपने नाम का एक-एक लेटर मिलाए। जब कंफर्म हो गया तो खुशी के मारे आंख से आंसू नहीं रुक रहे थे। अर्नव मिश्रा ने UPSC एग्जाम 2022 में 56वीं रैंक हासिल किया है। 28 साल के अर्नव मिश्रा ने जब फोन पर इस बात की जानकारी अपनी बड़ी बहन को दी तो वो भावुक हो गईं। उनकी आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे। भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा।
अर्णव की बड़ी बहन आरुषि मिश्रा आईएफएस ऑफिसर हैं। उनके जीजा आईएएस अधिकारी हैं। अब ने अर्नव भी UPSC एग्जाम क्रैक कर लिया है। अर्नव के पिता अजय मिश्र पेशे से वकील हैं। जबकि, उनकी मां नीता मिश्रा टीचर हैं। आइये जानते हैं अर्नव के पढ़ाई-लिखाई से लेकर पर्सनल लाइफ और सोशल मीडिया तक की बात। एक इंटरव्यू में जब अर्णव से पूछा गया, रिजल्ट पता चलने के ठीक बाद क्या रिएक्शन था?
इस पर अर्णव ने कहा, “कुछ समय के लिए तो विश्वास ही नहीं हुआ। क्योंकि ये एक ऐसा सपना होता है। जिसे लेकर हर इंसान UPSC एग्जाम की तैयारी शुरू करता है, लेकिन इसकी तैयारी में इतने सारे दिन, इतनी सारी रातें निकल जाती हैं कि जब वो पल आता है तो समझ नहीं आता कैसे रिएक्ट करें। मेरी स्थिति भी कुछ ऐसी थी। रिजल्ट को एक दो नहीं बल्कि कई-कई बार देखा। घर से एडमिट कार्ड मंगवाकर चेक किया। जब कंफर्म हो गया तो पैरेंट्स को फोन किया। वो बहुत ही अच्छी ही फीलिंग थी।”
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सोशल मीडिया से पूरी तरह से दूरी नहीं बनाईवहीं जब अर्नव से पूछा गया की क्या सोशल मीडिया से आपने दूरी बनाई थी? इस पर अर्णव ने कहा, “सोशल मीडिया पर हम जो देखते हैं वो हमारे समाज का ही आईना है। इंसान एक सामाजिक प्राणी है इसलिए जरूरी है कि वो लोगों से जुड़े और बातचीत करे, लेकिन एक लिमिट में। उन्होंने सोशल मीडिया से पूरी तरह से दूरी नहीं बनाई, बल्कि एक लिमिट तय कर दी।”
अर्णव ने बताया, “उन्होंने सोशल मीडिया को पढ़ाई-लिखाई के टूल तौर पर यूज किया है। वो स्टडी मटेरियल, एग्जाम से रिलेटेड जरूरी जानकारियों का आदान-प्रदान के लिए व्हाट्स ऐप का डेली यूज करते थे। उन्होंने टेलीग्राम का भी इस्तेमाल किया. लेकिन इस दौरान फेसबुक का प्रयोग ना के बराबर किया, क्योंकि उन्हें पढ़ाई में इसकी उपयोगिता कम लगी। हमें सोशल मीडिया और अपनी स्टडी के बीच एक बैलेंस बनाने की जरूरत है। आप सोशल मीडिया को कंट्रोल करें ना कि वो आप को।”
जब अर्णव से पूछा गया की आप अपना गुरु किसे मानते हैं? इस पर जवाब देते हुए उन्होंने बताया, “अपनी बड़ी बहन आरुषि मिश्रा को अपना गुरु मानता हूं। आरुषि दीदी एक आईएफएस ऑफिसर हैं। उन्होंने तैयारी में मेंटर और गाइड की भूमिका निभाई है। जब उन्हें फोन पर अपने रिजल्ट की जानकारी दी तो वो खुशी के मारे रोने लगीं। कई मिनट तक तो उनकी आंखों से आंसू रुके ही नहीं। मैं फोन पर था लेकिन मुझे सुनाई दे रहा था कि वो रो रही हैं।”
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मैं हर दिन 8 से 10 घंटे पढ़ने की कोशिश करता था लेकिन …जब अर्णव मिश्रा से पूछा गया कि UPSC क्लियर करने के लिए कितना पढ़ना पड़ता है? इस पर उन्होंने कहा, “पढ़ाई कितने घंटे की, इससे ज्यादा जरूरी है क्वालिटी पढ़ाई कितने देर तक की। मैं हर दिन 8 से 10 घंटे पढ़ने की कोशिश करता था, लेकिन हर किसी के लिए ये टाइम बॉन्ड जरूरी नहीं है। आपको अपनी क्षमता और समझ के अनुसार पढ़ना है। मैंने उन लोगों को भी देखा है जिन्होंने मुझसे काफी कम पढ़ के भी अच्छी रैंक निकाली है और ज्यादा पढ़ के भी।”
वहीं जब अर्णव से पूछा गया कि कोई लव स्टोरी रही है आपकी? इस पर उन्होंने कहा, “इस डिपार्टमेंट में तो मेरा एक्सपीरियंस नहीं रहा है। लेकिन हां, तैयारी के दौरान अपने आसपास लोगों को देखा जरूर है। पर मेरा ऐसा कुछ नहीं रहा है।” वहीं अर्नव से जब पूछा गया कि पढ़ाई-लिखाई कैसी रही?
अर्णव ने बताया, “12वीं तक की पढ़ाई रायबरेली से की है। इसके बाद IIT-JEE क्वालीफाई कर जोधपुर से बीटेक कंप्लीट किया है। थर्ड ईयर में सीनियर्स के जरिए पता चला कि UPSC क्लियर कर आप किस तरह ग्राउंड लेवल पर इम्पैक्ट डाल सकते हैं। इसी दौरान बहन भी UPSC की तैयारी कर रही थी। वहां से प्रेरणा मिली। इसी के बाद जॉब छोड़कर पूरी तरह से UPSC Exam की तैयारी में जुट गए।”