लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट की मानें तो स्वास्थ्य कारणों से सोनिया गांधी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। कहा जा रहा है कि वह राजस्थान से राज्यसभा जाएंगी। राज्यसभा सीट से उन्हें संसद में बने रहने में मदद मिलेगी। हालांकि रायबरेली कांग्रेस का गढ़ है और ये सीट गांधी परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है।
ऐसे में यहां से कांग्रेस पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ा सकती है। दरअसल, रायबरेली से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी सांसद रह चुकी हैं। इसके बाद से ही यह सीट कांग्रेस की सुरक्षित सीट मानी जाती है। यही कारण है कि साल 2014 में मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस यहां अपना गढ़ बचाने में कामयाब हो थी। अब इसी सीट से कांग्रेस प्रियंका गांधी को उतारकर संसद भेजने की तैयारी करने में जुटी है।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूपी की रायबरेली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी तय करने के लिए कांग्रेस में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि पार्टी आलाकमान इस बारे में अंतिम फैसला लेने के लिए एक अंतिम राउंड की बैठक करेंगे। इसमें इस सीट के प्रत्याशी के नाम का ऐलान होगा। वहीं राज्यसभा चुनाव पर चर्चा के लिए कांग्रेस नेताओं ने बीते दिन दिल्ली में पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बैठक की। इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में सोनिया गांधी, मुकुल वासनिक, अजय माकन, केसी वेणुगोपाल और सलमान खुर्शीद शामिल थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूपी की रायबरेली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी तय करने के लिए कांग्रेस में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि पार्टी आलाकमान इस बारे में अंतिम फैसला लेने के लिए एक अंतिम राउंड की बैठक करेंगे। इसमें इस सीट के प्रत्याशी के नाम का ऐलान होगा। वहीं राज्यसभा चुनाव पर चर्चा के लिए कांग्रेस नेताओं ने बीते दिन दिल्ली में पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बैठक की। इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में सोनिया गांधी, मुकुल वासनिक, अजय माकन, केसी वेणुगोपाल और सलमान खुर्शीद शामिल थे।
कांग्रेस का अध्यक्ष रहते राहुल गांधी ने बहन प्रियंका गांधी को पार्टी का महासचिव बनाया। इसके बाद प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद पूरे यूपी की प्रभारी और महासचिव की जिम्मेदारी सौंप दी। इस बीच प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में लगातार गिर रही पार्टी की साख चमकाने की कोशिश की, लेकिन मोदी लहर के आगे वो फीकी पड़ गईं।
इसका असर ये रहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी खुद अपनी अमेठी सीट नहीं बचा पाए और यहां भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें हरा दिया। इसके बाद साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भी प्रियंका गांधी का कुछ खास जादू नहीं चला। विधानसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था।