रायबरेली के एसपी आलोक प्रियदर्शी ने कहा “प्रारंभिक जांच से पुष्टि हुई है कि सुसाइड नोट 15 साल की 10वीं की छात्रा ने ही लिखा था। हमने आरोपी के खिलाफ आईपीसी धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मामले में आगे की जांच जारी है, जिसके बाद और आरोप जोड़े जाएंगे।” पुलिस ने बताया कि मृतका के पिता और मां कानपुर में काम करते हैं। जबकि मृतका अपनी दो बहनों के साथ रायबरेली के सरेनी थानाक्षेत्र में चाचा के साथ रहती थी।
पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक पूछताछ में परिजनों ने बताया कि मंगलवार को घर में छात्रा पढ़ाई कर रही थी। इस दौरान वह कमरे में चली गई। जहां उसने पंखे के हुक में फंदा डालकर फांसी लगा ली। जब वह काफी देर तक कमरे से बाहर नहीं आई तो दूसरी बहनें उसे बुलाने गईं। इस दौरान उसे फंदे पर लटका देख बहनों की चीख निकल गई। इसके बाद परिजनों ने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा और उसे फंदे से नीचे उतारा। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
सरेनी के थाना प्रभारी संजय कुमार ने कहा कि 10वीं छात्रा ने सुसाइड नोट लिखा है “गुडबाय। मेरी प्यारी मां और पिताजी, मुझे यकीन है कि मेरी मौत के बाद आप मुझे माफ कर देंगे। मैं अपनी बहनों से भी माफी मांगती हूं। जब मैं मर जाऊं तो मोनू को मत छोड़ना। मैं उसके कारण मरने जा रही हूं, क्योंकि उसने मुझे बहुत परेशान किया है। भगवान जाने उसे मेरी फोटो कहां से मिली। मैं उसे नहीं जानती, लेकिन उसने इन तस्वीरों के जरिए मुझे काफी ब्लैकमेल किया है। मेरी आत्मा को तभी शांति मिलेगी, जब उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।”