रेलकोच फैक्ट्री के आवासीय परिसर में था घर
मामला लालंगज कोतवाली क्षेत्र के रेलकोच फैक्ट्री के आवासीय परिसर का है। आरोप है कि यहां के रहने वाले नेत्र चिकित्सक अरुण कुमार ने अपने परिवार को पहले नशीले इंजेक्शन दिए। बाद में सभी के हतोड़े से मारकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद को धारदार हथियार से नस काटने की कोशिश की। इसके बाद फांसी लगा ली।
मामला लालंगज कोतवाली क्षेत्र के रेलकोच फैक्ट्री के आवासीय परिसर का है। आरोप है कि यहां के रहने वाले नेत्र चिकित्सक अरुण कुमार ने अपने परिवार को पहले नशीले इंजेक्शन दिए। बाद में सभी के हतोड़े से मारकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद को धारदार हथियार से नस काटने की कोशिश की। इसके बाद फांसी लगा ली।
आरपीएफ ने पुलिस को सूचना दी
मामले की सूचना मिलने के बाद आरपीएफ ने पुलिस को सूचना दी। सूचनाा पर एसपी आलोक प्रियदर्शी, एडिशनल एसपी, सीओ और फोरेंसिक की टीम मौके पर पहुंची। घर का दरवाजा बलपूर्वक तोड़क घर में पुलिस पहुंची। घर के अंदर डॉक्टर की लाश लटक रही थी। बाकी सभी की लाश बेड पर पड़े मिले।
मामले की सूचना मिलने के बाद आरपीएफ ने पुलिस को सूचना दी। सूचनाा पर एसपी आलोक प्रियदर्शी, एडिशनल एसपी, सीओ और फोरेंसिक की टीम मौके पर पहुंची। घर का दरवाजा बलपूर्वक तोड़क घर में पुलिस पहुंची। घर के अंदर डॉक्टर की लाश लटक रही थी। बाकी सभी की लाश बेड पर पड़े मिले।
डॉक्टर रेल कोच फैक्ट्री में काम करते थे
रायबरेली के एसपी आलोक प्रियदर्शी ने कहा, “प्रारंभिक जांच में पता चला कि डॉक्टर साहब रेल कोच फैक्ट्री में काम करते थे। वह डिप्रेशन के मरीज थे। मौके पर जो साक्ष्य मिले हैं, इनके द्वारा कई तरह के इंजेक्शन का प्रयोग किया गया था। ऐसा लगता है कि बच्चों को नशे की दवा खिलाकर उनकी हत्या की गई है। बाद में डॉक्टर ने अपनी नसों को काटने का प्रयास किया। सफल नहीं होने पर फांसी लगा ली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा।”
रायबरेली के एसपी आलोक प्रियदर्शी ने कहा, “प्रारंभिक जांच में पता चला कि डॉक्टर साहब रेल कोच फैक्ट्री में काम करते थे। वह डिप्रेशन के मरीज थे। मौके पर जो साक्ष्य मिले हैं, इनके द्वारा कई तरह के इंजेक्शन का प्रयोग किया गया था। ऐसा लगता है कि बच्चों को नशे की दवा खिलाकर उनकी हत्या की गई है। बाद में डॉक्टर ने अपनी नसों को काटने का प्रयास किया। सफल नहीं होने पर फांसी लगा ली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा।”