जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ होनी थी वोटिंग- 6 मई को पांचवें चरण में रायबरेली लोकसभा सीट पर हुई वोटिंग के 8 दिन बाद मंगलवार को ही सियासी वर्चस्व की जंग तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ रायबरेली में सारे विरोधी एकजुट हो गए और उनके भाई अवधेश सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष के पद से हटाने के लिए सभी कोशिश करने लगे। इसके लिए अवधेश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी, लेकिन इससे पहले बड़ा बवाल हो गया जिसमें विधायक अदिति सिंह भी घायल हुई।
अदिति सिंह पर हुआ जानलेवा हमला- मंगलवार को रायबरेली में जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना था, जिसके लिए सदस्य जिला पंचायत भवन पहुंच रहे थे, जिनमें रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह के साथ जिला पंचायत सदस्य राकेश अवस्थी समेत करीब 28 जिला पंचायत सदस्य शामिल थे। ऐसा आरोप है कि उन्हें रोका जा सके और अवधेश सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष बने रहें, इसके लिए दिनेश प्रताप सिंह के लोग लखनऊ से रायबरेली के पूरे रास्ते में छिपकर बैठे थे। अदिति जिला पंचायत सदस्यों को लेकर बछरावां-लखनऊ मार्ग के टोल प्लाजा पर पहुंची ही थीं कि दबंगों ने उनके वाहनों को टक्कर मार दी और फायर कर दिया जिससे वे घायल हो गए।
अदिति सिंह हुईं घायल- अदिति की गाड़ी किसी तरह हमले से बच निकलने में कामयाब हुई, लेकिन दबंगों ने गाड़ी का पीछा नहीं छोड़ा। वहीं आरोप है कि अदिति सिंह की गाड़ी जब गंगागंज के पास पहुंची तो रायबरेली के जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह तकरीबन 15 गाड़ियां के साथ उल्टी दिशा से अदिति सिंह के काफिले के सामने आ गए। अवधेश की गाड़ियों में असलहाधारी भी मौजूद थे। दबंगों ने कांग्रेस विधायक के काफिले में शामिल गाड़ियों को पलटना शुरू कर दिया। जिससे डरकर गाड़ियों में मौजूद जिला पंचायत सदस्य उतरकर भागने लगे। अदिति सिंह भी इस हमले में घायल हो गईं। उनके पैर में चोट आ गई।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने करवाया मुझपर हमला- अदिति सिंह अदिति सिंह को किसी तरह इलाज के लिए लखनऊ के अस्पताल ले जाया गया। वहीं मीडिया से मुखातिब होते हुए इस हमले के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि मेरी घेराबंदी कर मुझ पर हमला करवाया गया। हमलावरों के पास हथियार थे। मेरी गाड़ी की घेराबंदी कर पत्थर फेंके गए और मुझे जान से मारने की कोशिश की गई। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शासन-प्रशासन अभी भी मौन है और कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।
सपा विधायक ने उठाए सवाल- मामले पर समाजवादी पार्टी के विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. मनोज पांडेय ने कहा कि टोल प्लाजा पर 40 मिनट तक यह घटना घटती रही और चन्द कदम की दूरी पर थाना होने के बावजूद कोई भी सिपाही नहीं पहुचा। जब जिला पंचायत सदस्य हरचनदपर व बछरावा थाने के अन्दर गये तो हमलावर वहां भी घुस गये। लोकतंत्र बहुमत से बनता है, अल्पमत लोग हिंसा के सहारे बहुमत साबित करना चाहते हैं।
बीजेपी नेता के करीबी की भी हत्या- सुबह जहां अदिति सिंह पर हमला हुआ तो वहीं इस घटना के कुछ ही घंटे बाद बछरावां के पास भाजपा नेता दिनेश प्रताप सिंह के करीब शिवा सिंह की हत्या कर दी गयी। मृतक के नौकर की मानें तो बुधवार को मृतक के घर में मुंडन संस्कार का कार्यक्रम था जिसको लेकर वह बाजार में अपनी गाड़ी से सामान लेने लेकर गांव वापस आर रहे थे। रास्ते में खड़ा एक ट्रक मौरंग उतार रहा था जिसपर शिवा ने रास्ते से ट्रक हटाने के लिए कहा। इसी पर झगड़ा इतना बढ़ गया कि जमकर लाठी-डंडे चलने लगे जिसमें गाड़ी में सवार शिवा सिंह और उसके भाई गोपाल सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। शिवा सिंह को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी। इस घटना को जिला पंचायत अविश्वास प्रस्ताव के प्रकरण से जोड़े जाने पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सफाई दी और कहा कि यह घटना रास्ते में पड़ी मोरंग के ऊपर से गाड़ी निकालने को लेकर हुए विवाद के कारण घटित हुई है। पहले भी आपसी रंजिश थी और उसी के चलते विवाद इतना बढ़ गया कि लाठी डंडे चल गए जिसमें शिवा सिंह नाम के शख्स की मौत हो गई है।