मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीआईओएस से कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न आदेश की अवहेलना के लिए अवमानना का आरोप तय किया जाए। कोर्ट ने उन्हें आदेश के अनुपालन का अवसर भी दिया है और कहा है कि अनुपालन होने पर उन्हें उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है, वह केवल अनुपालन हलफनामा दाखिल कर सकते हैं। मामले में यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने अंकिता श्रीवास्तव की याचिका पर अधिवक्ता घनश्याम मौर्य को सुनकर दिया है।
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जाने कोर्ट ने क्या कहा था मामले में अधिवक्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया कि याची की याचिका पर न्यायालय ने याची को प्रत्यावेदन देने और उसे जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर को चार माह में निर्णीत करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि विमला श्रीवास्तव केस के फैसले के आलोक में याची की अर्जी विवाहिता पुत्री होने के कारण निरस्त न की जाए। आरोप है कि जानकारी प्राप्त होने के बावजूद आदेश का अनुपालन अब तक नहीं किया गया। यह भी पढ़ें