आंचलिक विज्ञान नगरी लखनऊ के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि मौजूदा समय में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मध्य क्षोभमंडलीय पछुवा हवाओं की निम्न क्षोभमंडलीय पुरवा हवाओं के साथ संभावित प्रतिक्रिया के चलते 31 जनवरी से 1 फरवरी के दौरान राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई हिस्सों में थंडरस्टॉर्म और तेज़ झोंकेदार हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। इस दौरान हवाओं की रफ्तार भी 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे रही। इस दौरान प्रदेश के उत्तरी तराई भाग में 1 फरवरी को कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हुई है।
मौसम वैज्ञानिक के अनुसार 2 फरवरी को इस पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव समाप्त हो गया। इसके चलते अगले 48 घंटों के दौरान सतही स्तर पर हवाओं का रुख दोबारा पछुवा हो गया। साथ ही रात्रिकालीन शीतलहर बढ़ने से न्यूनतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की अस्थायी गिरावट दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि अगले पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से अब 3 से 6 फरवरी के दौरान प्रदेश में फिर कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है। इससे एक बार फिर शीतलहर चलने का प्रबल अनुमान है।