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कोर्ट ने कहा है कि याची चाहे तो नियमानुसार असेसमेंट आदेश के खिलाफ धारा 107मे अपील दाखिल कर सकता है।यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने लुब्रिकेंट के व्यवसाई अजय वर्मा की याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठअधिवक्ता शंभू चोपड़ा , राज्य सरकार के अधिवक्ता बी पी सिंह कछवाह वह केंद्र सरकार के अधिवक्ता कृष्ण जी शुक्ल ने बहस की। याची का कहना था कि वह केंद्रीय जी एस टी विभाग में पंजीकृत हैं। इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई केंद्र सरकार के अधिकारिता वाले अधिकारी ही कर सकते हैं। राज्य जी एस टी विभाग के उप आयुक्त को कारण बताओ नोटिस जारी करने का क्षेत्राधिकार नहीं है।
इसलिए कार्यवाही रद्द की जाए। सरकार की तरफ से कहा गया कि धारा 6(२)(बी)के अनुसार जब केंद्रीय अधिकारी ने कार्यवाही शुरू की हो तो राज्य के अधिकारी कार्यवाही नहीं करेंगे। प्रश्नगत मामले में राज्य सरकार के अधिकारी के कार्यवाही शुरू करने के कारण केंद्र सरकार के अधिकारी ने कार्यवाही पूरी करने की छूट दी है।ऐसा इसलिए है कि दो कार्यवाहियों में टकराव न हो।दोनों ही अधिकारियों को कार्यवाही करने का अधिकार है।
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