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निवर्तमान महामंत्री शिवम सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी हम छात्र नेताओं से मिलने को तैयार नहीं हुआ। हम हाथों में फूल लेकर उनसे विनम्र आग्रह करने गए थे कि लोकतंत्र की नर्सरी को न कुचले छात्र संघ को बहाल कर दे। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी हमसे मिलने को तैयार नहीं हुआ। शिविर शिवम सिंह ने दावा किया कि अगर दशहरे की छुट्टी तक विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रसंघ की बहाली की मांग को नहीं माना तो कैंपस खुलने के बाद इसका अंजाम बुरा होगा।
शिवम सिंह के अनुसार विश्वविद्यालय के कुलपति छात्र संघ भवन पर ताला लगाकर अपनी जीत समझ रहे हैं। लेकिन विश्वविद्यालय का इतिहास उठाकर देख ले यह लाल पद्मधर के खूनों से सिंची गई यह धरती है। इस पर ताला लगाना इतना आसान नहीं होगा। इसकी लड़ाई हम लड़ेंगे इनके निर्णय को तोड़ेंगे और जीतेंगे बता दें कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ को समाप्त कर छात्र परिषद का गठन करने का निर्णय विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक में लिया जा चुका है।जिसके बाद से लगातार छात्र नेता इसका विरोध कर रहे हैं। छात्रसंघ की बहाली की मांग को लेकर 50 दिन तक कैंपस में विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष अखिलेश यादव धरने पर बैठे रहे। इसके बाद छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले सभी छात्र संगठनों और पदाधिकारियों ने निर्णय लेकर भूख हड़ताल शुरू किया। जिसके बाद 8 दिनों तक जारी रही भूख हड़ताल के सातवें दिन देर रात अखिलेश यादव और आविनाश यादव की हालत गंभीर हुई उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने छात्र नेताओं को जबरन अस्पताल पहुंचा दिया जिसका विरोध जारी है। इस दौरान पूर्व उपाध्यक्ष आदिल हमजा ,अखिलेश गुड्डू ,अतेन्द्र सिंह ,भूपेंद्र सिंह सहित सैकड़ो छात्र मौजूद रहे