पूरी की अपने दादा की इच्छा विष्णु और शंकर ने कहा कि वह अपने दादा से बहुत प्यार करते हैं और उनकी सेवा करना अपना धर्म और कर्तव्य समझते हैं। उनके दादा की इच्छा थी की वह संगम स्नान करें। फिर दोनों ने अपने दादा को कंधे पर बैठाकर रीवा से प्रयागराज तक का सफर करना तय कर लिया। अपने दादा के लिए दोनों के अनूठे प्रेम को देखकर लोगों ने उनकी तारीफ की।
बता दें कि माघ मेले के तीसरे सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर मंगलवार को मौन डुबकी लगाई जा रही थी। एक करोड़ से अधिक लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। मौनी अमावस्या स्नान पर ब्रह्म मुहूर्त से श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे थे। मौनी अमावस्या पर संगम स्नान विशेष फलदायी माना जाता है।
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