स्वामी प्रेमानंद गिरि महाराज ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “प्रशासन पूरी तरह से फेल हो गया है। निकम्मा प्रशासन सिर्फ तुष्टीकरण की नीति में लगा रहा। पूरा ध्यान केवल VIP मेहमानों की सेवा में था। मैंने देखा कि जो भी VIP यहां आया प्रशासन उसकी जी हूजूरी में लगा रहा। इसके अलावा इस प्रशासन को इस कुंभ से कोई मतलब नहीं था। किसी भी व्यवस्था से कोई मतलब नहीं था।”
‘मेले की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की’
स्वामी प्रेमानंद गिरि महाराज ने आगे कहा, “हमारे देश में सेवाभावी लोगों की कमी नहीं है। अगर ये कुंभ सेना के हवाले हो जाता, तो मुझे नहीं लगता कि इतना बड़ा हादसा होता। बहुत दुख है। अखाड़े हमेशा प्रशासनिक व्यवस्थाओं के अनुरूप ही चलते हैं। हम सभी संवैधानिक व्यवस्था में विश्वास रखते हैं, और इसी व्यवस्था के तहत मेले की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होती है।” यह भी पढ़ें