प्रयागराज

रामजन्मभूमि पर फैसलें के वख्त इस तरह बदलते रहे शहर के हालात , कहीं फ़ोर्स तो कहीं….

धर्म नगरी ने किया अदालत के फैसलें का स्वागत

प्रयागराजNov 09, 2019 / 11:36 pm

प्रसून पांडे

रामजन्मभूमि पर फैसलें के वख्त इस तरह बदलते रहे शहर के हालात , कहीं फ़ोर्स तो कहीं….

प्रयागराज | राम जन्मभूमि के विवादित स्थल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय सुनाया है। यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ है जिसमें राम जन्मभूमि को तीन हिस्सों में बांट दिया गया था । सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष को भी अलग स्थान पर जमीन देने का आदेश दिया है। राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का भी आदेश दिया है। ये आदेश चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने सुनाया है, जिसने इलाहाबाद हाई कोर्ट के तीन जजों वाली खंडपीठ के फैसले को पलट दिया है।

फैसलें के बाद गुलजार हुआ शहर
फैसले के मद्देनजर धर्म नगरी प्रयागराज में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। प्रशासन किसी भी तरह की चूक नहीं चाहता था। जिले के आला अधिकारी सड़कों पर लगातार दौड़ रहे थे। सुबह से शहर की सड़कें चौराहे बाजार बंद रही।सबकी नजरें पुराने शहर के चौक की तरफ लगी रही ।लगातार फ्लैग मार्च के जरिए पुलिस अपनी ताकत दिखा रही थी। सोशल मीडिया पर मैसेज शुरू हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड की अपील को खारिज कर दिया है। उसके थोड़ी देर में आर ए एफ पुलिस और पीएसी की बटालियन तैनात होने लगी ।इसके बावजूद भी सब कुछ शांत रहा 11 बजे चौक में धीरे.धीरे दुकानें खुलना हुई। सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को लेकर पत्रिका ने लोगों से उनकी राय जानी, इस फैसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस गिरधर मालवीय सहित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी और मदरसे के शिक्षक रिजवी साहब ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी ।
सभी को स्वीकार करना चहिये
इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस गिरधर मालवीय ने पत्रिका से बातचीत करते हुए कहा कि जजमेंट में पॉजिटिविटी ये आ गया है कि यहां राम मंदिर बनेगा और सरकार यहां राम मंदिर बनाएगी। इसके लिए तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने के आदेश है। इस ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को शामिल कर सकते हैं । उनका कहना है कि मुस्लिम पक्ष यह साबित नहीं कर पाया है कि पहले राम मंदिर नहीं था 1856 से पहले नमाज़ पढ़ने का वह कोई प्रमाण नहीं मिला है। खुदाई में जो अवशेष मिला, वह इस्लामिक नहीं पाया गया इसका मतलब यह पहले मस्जिद नहीं थी जिसे लेकर फैसला लिया गया यह मंदिर बनेगा और सरकार बनाएगी मस्जिद के लिए संविधान 142 का इस्तेमाल करते हुए 5 एकड़ जमीन मुस्लिम पक्ष को दी जाएगी। यह जमीन कहां दी जाएगी इस पर फैसला सरकार करेगी उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया है जिसमें जमीन को तीन हिस्सों में बांटा गया था। अगर जमीन पूरी राम मंदिर को दी गई है।
अखाड़ा परिषद की मांग
वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपना संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं। लेकिन उन्होंने एक बड़ी मांग रखते हुए कहां है कि जब ट्रस्ट बने तो उसमें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महामंत्री को पदेन लिया जाए उसका ट्रस्टी बनाया जाए अब वक्त आ गया हैए सभी हिंदू संगठन मिलकर राम मंदिर का निर्माण करें क्योंकि यह कोई बाधा नहीं है। बता दें नरेद्र गिरी देश में संतों की सबसे बड़ी संस्था की अगुवाई करते है।

मुस्लिमों ने किया स्वागत
मदरसा शिक्षक ने किया स्वागत मदरसा इमामिया अनवारुल उल्लू के शिक्षक जावेद रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की उन्होंने कहा कि 9 नवंबर की तारीख ईद की तरह है इसका हमें दिल खोलकर स्वागत करना चाहिए । जावेद रिजवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है अब हमारे बीच किसी भी तरह की कोई भी गिले.शिकवे की कोई जगह नहीं है हमारे पुरखों ने हमें जो तालीम दी थी हम कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ चलें और मुल्क की तरक्की के लिए काम करें और राम जन्मभूमि में भव्य राम लला मंदिर बनने का स्वागत करें। साथ ही उन्होंने कहा कि मस्जिद कहां बनेगी जमीन कहां मिलेगीए आने वाले समय पर तय होगा लेकिन इस वक्त जो फैसला आया है उसका हम स्वागत करते हैं ।

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