आम दिनों से पांच गुना ज्यादा बढ़े मरीज
स्वास्थ्य मंत्री के शहर में स्थित सरोजिनी नायडू हॉस्पिटल का आलम यह है की आम दिनों से पांच गुना ज्यादा मरीजों को संभाल रहा है ।आम दिनों में सरोजिनी नायडू अस्पताल में पचास से 100 मरीजों की ओपीडी होती है । जो इस समय 300 से 400 तक पहुंच गई है। स्वास्थ मंत्री के शहर में स्थित अस्पतालों में बच्चो का हाल जानने पत्रिका की टीम सरोजनी नायडू हॉस्पिटल पंहुची जहाँ चारो तरफ भीड़ ही भीड़ आदमी के बैठने की जगह तक नही खाली मिली । डॉक्टरों के चेंबर के सामने बच्चों के साथ परिजन भी परेशान दिखे ।
स्वास्थ्य मंत्री के शहर में स्थित सरोजिनी नायडू हॉस्पिटल का आलम यह है की आम दिनों से पांच गुना ज्यादा मरीजों को संभाल रहा है ।आम दिनों में सरोजिनी नायडू अस्पताल में पचास से 100 मरीजों की ओपीडी होती है । जो इस समय 300 से 400 तक पहुंच गई है। स्वास्थ मंत्री के शहर में स्थित अस्पतालों में बच्चो का हाल जानने पत्रिका की टीम सरोजनी नायडू हॉस्पिटल पंहुची जहाँ चारो तरफ भीड़ ही भीड़ आदमी के बैठने की जगह तक नही खाली मिली । डॉक्टरों के चेंबर के सामने बच्चों के साथ परिजन भी परेशान दिखे ।
आईसीयू से वार्डो तक भारी भीड़
तो वही चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के वार्डो की हालात किसी ट्रेन के जरनल डिब्बे की तरह दिखी। आईसीयू से लेकर सामान्य वार्ड में भारी भीड़ थी । वार्ड नम्बर 3 और 4 का आलम यह है, कि एक एक बेड पर पांच से 6 बच्चे देखने को मिले । जबकि बच्चों में सबसे ज्यादा इन्फेक्शन की वजह से बीमारियां होती हैं ।ऐसे में बच्चो को कितना फायदा हो रहा है यह तो डॉ या भगवान ही जाने। जिस तरह से बच्चो के एक साथ रखा जा रहा है इससे तो और बिमारी बढने की संभावना है । हालाकि इन बच्चों की देखरेख में दर्जनभर से ज्यादा स्टाफ लगा है।
तो वही चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के वार्डो की हालात किसी ट्रेन के जरनल डिब्बे की तरह दिखी। आईसीयू से लेकर सामान्य वार्ड में भारी भीड़ थी । वार्ड नम्बर 3 और 4 का आलम यह है, कि एक एक बेड पर पांच से 6 बच्चे देखने को मिले । जबकि बच्चों में सबसे ज्यादा इन्फेक्शन की वजह से बीमारियां होती हैं ।ऐसे में बच्चो को कितना फायदा हो रहा है यह तो डॉ या भगवान ही जाने। जिस तरह से बच्चो के एक साथ रखा जा रहा है इससे तो और बिमारी बढने की संभावना है । हालाकि इन बच्चों की देखरेख में दर्जनभर से ज्यादा स्टाफ लगा है।
नहीं चल रहा एसी और पंखा
स्वास्थ मंत्री के शहर में वार्डो में बैठे लोग बच्चों को हाथ से पंखा करते दिखे ।पूछने पर पता चला कि कमरों में वार्ड में ऐसी तो लगी है । लेकिन चल नही रही वार्ड की नर्स ने बातया की ज्यादा भीड़ और तेज गर्मी के कारण हो काम नहीं कर रही । वही अपने बच्चे की दवा पहले लेने की चक्कर में लोग आपस में भिड़ते दिखे । लेकिन लोगो ने बताया की दवाए मिल रही है । बहरिया गांव से आए संतोष जायसवाल ने बताया कि उनके बच्चे को उल्टी और दस्त लगातार हो रहा है । स्थानीय डॉक्टर को दिखाने के बाद उसे यहां रेफर कर दिया गया । उसको अभी एडमिट किया है दवाओं के लिए खड़ा हूँ।वही लाइन में लगे घनश्याम यादव जो गंगा पार के सिकन्दरा से ,आये है । उन्होंने बाताया की देर रात उनके बच्चे की हालत खराब हो गई गाँव से लेकर आये है बेड नहीं खाली था। डॉ से बिनती की तो उन्हेंने भर्ती तो कर लिया लेकिन अभी भी अलग बीएड नही मिल पाया है इनका बच्चा तीन माह का है जो निमोनिया से ग्रासित है।
स्वास्थ मंत्री के शहर में वार्डो में बैठे लोग बच्चों को हाथ से पंखा करते दिखे ।पूछने पर पता चला कि कमरों में वार्ड में ऐसी तो लगी है । लेकिन चल नही रही वार्ड की नर्स ने बातया की ज्यादा भीड़ और तेज गर्मी के कारण हो काम नहीं कर रही । वही अपने बच्चे की दवा पहले लेने की चक्कर में लोग आपस में भिड़ते दिखे । लेकिन लोगो ने बताया की दवाए मिल रही है । बहरिया गांव से आए संतोष जायसवाल ने बताया कि उनके बच्चे को उल्टी और दस्त लगातार हो रहा है । स्थानीय डॉक्टर को दिखाने के बाद उसे यहां रेफर कर दिया गया । उसको अभी एडमिट किया है दवाओं के लिए खड़ा हूँ।वही लाइन में लगे घनश्याम यादव जो गंगा पार के सिकन्दरा से ,आये है । उन्होंने बाताया की देर रात उनके बच्चे की हालत खराब हो गई गाँव से लेकर आये है बेड नहीं खाली था। डॉ से बिनती की तो उन्हेंने भर्ती तो कर लिया लेकिन अभी भी अलग बीएड नही मिल पाया है इनका बच्चा तीन माह का है जो निमोनिया से ग्रासित है।
क्या कहना है हॉस्पिटल के एचओडी का
स्वास्थ्य मंत्री के शहर का आलम देखकर जब हम सरोजिनी नायडू अस्पताल की एचओडी डॉ अनुराग श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि हम अपना काम कर रहे हैं । हम आम दिनों से 5 गुना ज्यादा काम मरीजो को देख रहे है अस्पताल में तैनात डॉ को छुट्टी नही दी जा रही है । हमारी कोशिश है की हम बच्चों को वापस न करें सबका इलाज हो । बेड नही खाली है क्योकि मरीजों की संख्या ज्यादा है । इलाज महत्वपूर्ण है वो हम कर रहे है । डॉ अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि हमने शासन को लिखित जानकारी दी है की अस्पताल सुविधाओं की आवश्कता है।
स्वास्थ्य मंत्री के शहर का आलम देखकर जब हम सरोजिनी नायडू अस्पताल की एचओडी डॉ अनुराग श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि हम अपना काम कर रहे हैं । हम आम दिनों से 5 गुना ज्यादा काम मरीजो को देख रहे है अस्पताल में तैनात डॉ को छुट्टी नही दी जा रही है । हमारी कोशिश है की हम बच्चों को वापस न करें सबका इलाज हो । बेड नही खाली है क्योकि मरीजों की संख्या ज्यादा है । इलाज महत्वपूर्ण है वो हम कर रहे है । डॉ अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि हमने शासन को लिखित जानकारी दी है की अस्पताल सुविधाओं की आवश्कता है।
By- Prasoon Pandey