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इन दिग्गजों के नाम की चर्चा
जिलें में समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सांसद इंद्रजीत सरोज राष्ट्रीय सचिव पूर्व सांसद राम पूजन पटेल के यहां दावेदारों की आवाजाही शुरू हो गई है। हालांकि इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई भी बोलने को तैयार नहीं है। लेकिन पार्टी से जुड़े नेताओं की मानें तो पूर्व लोकसभा प्रत्याशी से लेकर सपा एमएलसी तक जिला अध्यक्ष बनने के देश में शामिल है।सपा के बड़े स्थानीय नेता की मानें तो जिला अध्यक्ष की रेस में निवर्तमान अध्यक्ष कृष्णमूर्ति यादव ,लोकसभा प्रत्याशी रहे पंधारी यादव माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व सचिव और सपा एमएलसी वासुदेव यादव, निर्वतमान प्रदेश सचिव योगेश यादव पिछड़ा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष द्वारिका मौर्या पूर्व छात्रसंघ पदाधिकारी रहे संदीप पटेल और पूर्व जिला पंचायत सदस्य अनिल यादव का नाम इसमें शामिल है।
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युवा चेहरे को ला सकते है आगे
समाजवादी पार्टी का जिले में युवा कैडर बेहद मजबूत माना जाता है। बीते कई वर्षों से इलाहाबाद विश्वविद्यालय सहित सभी डिग्री कॉलेजों में समाजवादी छात्र सभा का बोलबाला रहा है। ऐसे में कयास ये भी लगाया जा रहा है। पार्टी किसी युवा चेहरे को आगे कर समाजवादी पार्टी से युवाओं को जोड़ने के लिए किसी चर्चित चेहरे को सामने ला सकती है। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि संगठन को मजबूत करने और प्रदेश में गठबंधन टूटने के बाद कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर हुआ है। जिसे बढ़ाने के लिए अनुभवी और कैडर के नेता को ही जिले में कमान सौंपी जानी चाहिए ।
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नेताओं के यहां बन रही रणनीति
जिलें में तरफ सपा के वरिष्ठ नेता कुंवर रेवती रमण का रुतबा लंबे समय से प्रदेश और जिले में कायम रहा है। बिना उनके मुहर लगाए जिले में संगठन के पदाधिकारी नियुक्त नहीं किए गए। वहीं बसपा छोड़ सपा में आए पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज का खेमा अपना जिलाध्यक्ष बनाने की रणनीति में जुटा है। जानकारों की मानें तो इंद्रजीत सरोज बसपा के बड़े कैडर वेस में सेंध लगा सकते हैं। इस उम्मीद के साथ सपा के शीर्ष नेतृत्व ने इंद्रजीत सरोज को बड़े पद के साथ सम्मान देते हुए पार्टी में शामिल किया है। जिससे बसपा के बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं को सपा से जोड़ा जा सके। लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर पार्टी के नेता भी अपने मूल मतदाता के बिखरने से हैरान है। जिसको बचाने और नया संगठन बनाने के लिए बसपा की तरह अपने कैडर को मजबूत करने की रणनीति के तहत सरोज के खेमे का भी कद बढ़ाया जा सकता है।पार्टी में कुंवर रेवती रमण सिंह के निर्णय के बिना अभी तक सपा के शीर्ष नेतृत्व ने किसी को पदाधिकारी नहीं बनाया है। ऐसे में रेस में शामिल सपा नेताओं को भरोसा है कि एक बार फिर कुंवर साहब का आशीर्वाद उन्हें जिले की कमान दिलाने में मददगार होगा।