लोक सेवा आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार को लेकर लंबे समय से प्रतियोगी छात्र आंदोलनरत है । आयोग की साख बचाने की जिम्मेदारी अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तेजतर्रार आईएस अधिकारी रहे प्रभात कुमार के कंधो पर होगी । उन्हें आयोग का अगला अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संस्तुति के बाद नियुक्ति की फाइल राज्यपाल राम नाईक के पास अनुमोदन के लिए भेज दी गई है जानकारी के अनुसार एक जुलाई को डॉ प्रभाकर अपना कार्यभार ग्रहण कर सकते हैं ।
मुख्यमंत्री द्वारा संस्तुति के बाद डॉ प्रभाकर सिंह के नाम पर शनिवार को राज्यपाल राम नाईक मोहर लगा सकते हैं । डॉ प्रभाकर कुमार का कार्यकाल 62 वर्ष की उम्र की आयु तक रहेगा ।डॉ प्रभाकर 1985 बैच के आईएएस अफसर रहे हैं ।डॉ प्रभात बीते 30 अप्रैल को कृषि उत्पादन आयुक्त के साथ ही अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के अध्यक्ष पद से रिटायर्ड हुए थे । डॉ प्रभात कुमार की छवि स्वच्छ और भ्रष्टाचार के विरोध वाले अधिकारी की रही है ।उन्होंने सहकारिता समेत कई विभागों में भ्रष्टाचार की जांच की और भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाई है । मेरठ के मंडलायुक्त लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सहित कई पदों पर उन्होंने जिम्मेदारी का निर्वहन किया है।
माना जा रहा है कि डॉ प्रभात कुमार की इमानदारी छवि को देखते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें लोक सेवा आयोग के महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त करने का फैसला किया है । बीती सपा सरकार में लोक सेवा आयोग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। यह आरोप लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से लेकर सत्ता तक पहुंचते रहे हैं अभी कुछ ही दिनों पहले एलटी ग्रेड परीक्षा में प्रश्न पत्र के लीक होने के मामले में परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी हुई है ।प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से प्रतियोगी छात्रों को उम्मीद थी कि उनके साथ न्याय होगा 2 वर्षों के इंतजार के बाद लोक सेवा आयोग अध्यक्ष पद पर नई नियुक्ति हो रही है ।मौजूदा अध्यक्ष डॉ अनुज सिंह यादव की नियुक्ति 15 मार्च 2016 को हुई थी और 30 जून को अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं । लोक सेवा आयोग में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल को रोकने और प्रतियोगी छात्रों के साथ ईमानदारी और पारदर्शिता बरतने के लिए तेज तर्रार आईएएस अफसर पर भरोसा जताया है।