1932 में थी लंदन की सीधी फ्लाइट
इस एयरपोर्ट को 1931 में ब्रिटिश सरकार ने बनाया था। ये हवाई अड्डा देश के पहले चार इंटरनेशनल एयरपोर्ट में से है। 1932 में इस हवाई अड्डे से लंदन के लिए सीधी उड़ान थी। जुलाई 1933 में इंपीरियल एयरवेज कराची-जोधपुर-दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-कोलकाता के रूट पर उड़ानें भरतीं थीं। साल 1940 तक इस रूट पर फ्लाइट उड़ान भरती रहीं।
2003 में फिर से शुरू हुईं फ्लाइट
लंबे अर्से बाद 2003 में इस एयरपोर्ट से दिल्ली और कोलकाता के लिए उड़ानें शुरू हुईं। ये सेवा ज्यादा समय तक नहीं चल पाई। 2005 में एक बार फिर यहां से दिल्ली के लिए फ्लाइट शुरू की गईं। स्पाइस जेट और एलायंस एयर ने 2013 में मुंबई और दिल्ली के लिए उड़ानें शुरू कीं। ये भी जल्द बंद हो गईं।
रिकॉर्ड 11 महीने में पूरा हुआ काम
2019 के कुंभ मेले के आयोजन के दौरान एयरपोर्ट का नया टर्मिनल और सिविल एन्क्लेव बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसे बनाने में एक साल से कम का समय लगा। इस काम को 11 महीनों में पूरा कर लिया गया।
एलायंस एयर और इंडिगो एयरलाइंस देती हैं सर्विस
इस एयरपोर्ट को अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय हवाई अड्डे के रूप में जाना जाता है। यहां से एलायंस एयर और इंडिगो एयरलाइंस फ्लाइट संचालित करती हैं।
अभी इन रूट पर हैं फ्लाइट
प्रयागराज से इंडिगो 11 जगहों के लिए उड़ती हैं। इनमें नई दिल्ली, भुवनेश्वर, देहरादून, गोरखपुर, लखनऊ, इंदौर, रायपुर, बेंगलुरु, मुंबई, भोपाल और पुणे शामिल हैं। वहीं एलायंस एयर दो जगहों पर उड़ान भरती है। प्रयागराज एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की तैयारी भी चल रही है। महाकुंभ 2025 से पहले देश के हर हिस्से में यहां से उड़ाने शुरू करने का प्रस्ताव एविएशन मिनिस्ट्री को भेजा गया है।