किसने दायर की याचिका ?
पीपुल्स यूनियन फ़ॉर सिविल लिबर्टीज़ (PUCL) के उत्तर प्रदेश शाखा ने योगी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने संविधान के खिलाफ जाकर जस्टिस शेखर यादव के बयान का समर्थन किया है। जो मुख्यमंत्री पद की शपथ का उल्लंघन करता है। उन्होंने भारत के संविधान के प्रति अपनी आस्था और निष्ठा को तोड़ दी है। इसलिए योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाना चाहिए। यह भी पढ़ें
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज ने दिया बयान, कहा- बहुसंख्यकों के हिसाब से चलेगा देश
CM Yogi ने क्या कहा था ?
सीएम योगी ने बिना नाम लिए कहा था कि एक हाईकोर्ट के जज ने सही बात कही तो उनको महाभियोग का नोटिस दे दिया गया है। विपक्ष संविधान का गला घोंटकर देश को चलाना चाहता है। समान नागरिक संहिता तो होनी ही चाहिए और दुनिया के अंदर तो बहुसंख्यक समाज की भावनाओं का सम्मान तो हर हाल में होता है।विपक्ष के नेताओं ने दिया महाभियोग का नोटिस
विपक्षी दलों के नेताओं ने इलाहाबाद के जज शेखर कुमार यादव के बयान के खिलाफ उन्हें पद से बर्खास्त करने के लिए सदन में महाभियोग के लिए नोटिस दिया था। इसकी अगुआई श्रीनगर के लोक सभा सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने की थी। यह भी पढ़ें