द्वापर युग में पांडवों ने किया था मंदिर का निर्माण प्रयागराज पड़िला स्थित भगवान पांडेश्वरनाथ महादेव का दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं। इस मंदिर का निर्माण द्वापर युग में पांच पांडवों ने कराया था। तभी से इस मंदिर का नाम पांडेश्वरनाथ धाम पड़ गया। इस मंदिर की गिनती प्रयागराज के पंचकोसी परिक्रमा में होती है। मंदिर में आने वाले भक्त भगवान भोलेनाथ को पूरे एक माह जलाभिषेक करते हैं तो उनकी मनोकामना पूर्ण होती है।
कई दिनों तक गांव में रुके थे पांच पांडव कहा जाता है कि अज्ञातवाश के दौरान जब पांडव प्रयागराज गंगापार स्थित पड़िला गांव पहुंचे थे और यहां आकर वह काफी समय तक रुके थे। तभी पांच पांडव ने इस जगह पर शिवलिंग की स्थापना की और मंदिर का निर्माण कराया था। इस मंदिर का नाम पांडेश्वरनाथ धाम पड़ गया। इसके बाद मंदिर की प्रसिद्धि अन्य कई जनपदों तक हो गई।
मनोकामना पूर्ण होने पर चढ़ाते हैं निशाना और लाठी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से भक्त सावन माह में जल चढ़ाने पांडेश्वर धाम आते हैं। यहां पर पूरे माह कांवरिए गंगाजल, ध्वजा-पताका, बेलपत्र, धतूरा आदि लेकर महादेव का दर्शन करने आते हैं। इसके साथ ही जिन भक्तों का मनोकामना पूर्ण हो जाती है वह भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए निशाना और लाठी चढ़ाते हैं।
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