प्रयागराज. मऊ से बसपा के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी अभी बांदा जेल में ही रहेंगे। सरकार सुरक्षा कारणों से उनका जेल बदलने के मूड में नहीं। हालांकि मुख्तार अंसारी बांदा जेल में सख्ती के चलते अपना जेल बदलना चाहते हैं, लेकिन सरकार के इरादे इसके उलट हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार न तो कोर्ट से मुख्तार की जेल बदलने की सिफारिश करेगी और न ही कोर्ट द्वारा राय मांगे जाने पर जेल शिफ्टिंग की वकालत करेगी। पंजाब जेल से यूपी लाए जाने के बाद मुख्तार अंसारी बो बांदा जेल में रखा गया है।
मुख्तार अंसारी को सात अप्रैल को पंजाब की रोपड़ जेल से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी लाकर बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था। मऊ, आजमगढ़, प्रयागराज आदि जिलों में मुख्तार अंसारी के खिलाफ चल रहे मुकदमों की सुनवाई के लिये उन्हें वहीं से ले जाया जाना था, लेकिन कोविड के चलते सभी सुनवाइयां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही हो रही है।
बांदा जेल में मुख्तार अंसारी को आए 50 दिन हो चुके हैं और वहां उन्हें सामान्य कैदी की तरह रखा गया है। मऊ और आजमगढ़ में वर्चुअल पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी खुद और अपने वकील के जरिये बांदा जेल प्रशासन पर मैन्युअल के हिसाब से सुविधाएं न देने और सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइनों का पालन न करने का आरोप लगाते हुए अपने लिये मच्छरदानी, तकिया, तख्त, कूलर और फिजियोथेरेपिस्ट की मांग कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि 50 दिनों के अनुभव के आधार पर सरकार अभी बाहुबली की जेल शिफ्ट नहीं करना चाहती। जानकारी के मुताबिक माफिया से माननीय बने मुख्तार अंसारी के खिलाफ 52 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से 15 में तफ्तीश चल रही है।