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उम्मीद है कि एक दो दिन में शायद कोर्ट इसपर फैसला ले ले कि मुख्तार को किस जेल में रखा जाए। कोर्ट इस बारे में सरकारी अधिवक्ता और मुख्तार के वकील से राय भी ले सकती है। हालांकि उनके नैनी जेल में रखे जाने की भी उम्मीद जतायी जा रही है। बताते चलें कि मुख्तार के नैनी जेल में शिफ्ट किये जाने की आशंका को लेकर कभी उनके खास रहे मऊ से बसपा सांसद अतुल राय ने अपनी जान को खतरा बताते हुए मुख्तार को नैनी सेंट्रल जेल के बजाय कहीं और शिफ्ट करने की गुहार सरकार और यूपी पुलिस से लगाई है। अतुल राय पर बलात्कार का आरोप है और वह नैनी में बंद हैं। अतुल ने अपने पत्र में कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने मुख्तार के बेटे की जगह उन्हें टिकट दिया और वह सांसद बने। इसके बाद मुख्तार और उनके करीबी ने साजिश के तहत उन्हें रेप के झूठे मुकदमे में फंसा दिया।
उधर योगी सरकार के मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अंसारी को यूपी लाकर कठोर दंड दिलाने की बात कह रहे हैं तो दूसरी ओर अंसारी परिवार को डर है कि सरकार मुख्तार अंसारी को जेल शिफ्ट करने के दौरान इनकाउंटर करवा सकती है। मुख्तार की पत्नी अफशां अंसारी ने पति की जान को खतरा जताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कराने की मांग की है। भाई सांसद अफजाल अंसारी ने भी योगी सरकार की मंशा पर शक जताया है। दूसरी ओर योगी सरकार के मंत्री और गाजीपुर के प्रभारी मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने कहा है कि बकरे की अम्मा कबतक खैर मनाएगी।
बताते चलें कि योगी सरकार की लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई में पूर्वंचल से लेकर लखनऊ तक मुख्तार अंसारी के साम्राज्य को करीब 192 करोड़ की चोट पहुंचा चुकी है। लखनऊ में मुख्तार का करोड़ों की जमीन पर बना घर, गाजीपुर में करोड़ों का होटल ध्वस्त कर दिया तो मऊ व गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी आदि जिलों में मुख्तार परिवार, उनके करीबियों, गैंग के सदस्यों के जमीन और मछली कारोबार की कमर तोड़ दी है। मछली कारोबार से करीब 33 करोड़ की आमदनी होती थी। इसके अलावा परिवार, करीबियों और गैंग के लोगों के 94 असलहा लाइसेंस निरस्त कर 71 जमा कराए गए हैं। उनके शूटरों व ठेकेदारों पर भी कार्रवाई की जा रही है। 11 सहयोगियों को जिला बदर किया जा चुका है।