गुरुवार को मकरसंक्रांति का पहला स्नान पर्व है इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इस दिन संगम में आस्था की डुबकी लगाने के बाद सफेद, काले तिल का दान करने से मनोकामना पूर्ण होती है। कल्पवासी एक ही श्रद्धाभाव के साथ माघ मेले में स्नान और कल्पवास करते हैं।
मकरसंक्रांति पर्व से माघ मेले में एक माह तक संकल्प लेकर कल्पवासी शुरू करेंगे कल्पवास मौनी महराज ने कहा कि मकरसंक्रांति स्नान पर्व के साथ ही माघ मेले में संकल्प के साथ संत, महत्मा और कल्पवासी एक माह तक पूजा अर्चना करते हैं। माघ माह में तीर्थराज प्रयागराज में सभी देवी-देवताओं का आगमन होता है। ऐसे में यहां एक माह तक तपस्या करने से भक्तों की मनोकामना, पित्रों की आत्म शान्ति और परिवार में खुशहाली आती है। मकरसंक्रांति पर्व पर विधिविधान से पूजा अर्चना करने से पारिवारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
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स्नान के बाद यह काम करें पूरा मौनी महराज उर्फ रुद्राक्ष बाबा ने कहा कि गुरुवार को 2 बजे के बाद सूर्य मकर राषि में प्रवेश करेगा इसीलिए इस बार मकर संक्रांति का स्नान 14 और 15 जनवरी को होगा। संत यही नियमानुसार 15 को संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। तपस्या के दृष्टि से हर किसी के लिए मकरसंक्रांति का स्नान और दान करना लाभकारी होगा। मकरसंक्रांति स्नान के बाद कल्पवासी एकाहार होकर कल्पवासी कल्पवास शुरू कर देते हैं। यह भी पढ़ें