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महंत आशीष गिरी की आत्महत्या की सूचना पर प्रयागराज के संत समाज में हड़कंप मच गया । बता दें कि आशीष गिरी निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत थे। इसी अखाड़े से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष अखाड़े से मामला जुड़ा था जिसके चलते आला अधिकारी भी शुरुआत कुछ बोलने को तैयार नहीं हुए। हालांकि अखाड़े के महात्माओं ने बताया की आशीष गिरीबीमारी को लेकर काफी परेशान रहते थे। वहीं घटना की सूचना मिलते ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी भी मौके पर पहुंच गए। इस दौरान नरेंद्र गिरि महाराज बेहद परेशान रहे।
महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि बीते दिनों आशीष गिरी हरिद्वार के अस्पताल में अपना इलाज करा रहे थे। जहां पर डॉक्टरों ने उनको पूरी तरह से लीवर के डैमेज होने की बात बताई थी। उसके बाद से परेशान थे। विगत चार.पांच दिनों से यह बहुत ज्यादा परेशान थे। उन्होंने कहा की वो खुद को संभाल नहीं पाए और उन्होंने आत्महत्या कर ली। पुलिस के मुताबिक़ दारागंज स्थित श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े की दूसरी मंजिल पर बने कमरे का दरवाजा खुला था। नीचे जमीन पर बिस्तर पर खून से लथपथ आशीष गिरी का शरीर पड़ा था।
मौके पर पहुंचे एसपी सिटी वीडियो श्रीवास्तव ने बताया कि महंत आशीष गिरी के माथे पर गोली लगी थी साथ ही उन्होंने बताया कि उनके कमरे से जो भी डाक्यूमेंट्स मिले हैं जो पैथोलॉजी की रिपोर्ट है उसके मुताबिक उनके लीवर का इलाज चल रहा था। बताया की लीवर पूरी तरह से डैमेज हो चुका था जिससे वह बेहद परेशान थे। उन्होंने कहा कि अखाड़े की महात्माओं से भी बात की गई पता चला कि उनका लिवर खराब था। इस वजह से वह परेशान थे। एसपी सिटी ने बताया कि पंचनामा के बाद बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद अखाड़े को उनका शरीर सुपुर्द किया जाएगा।
बता दें कि श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े का मुख्य स्थान प्रयागराज के दारागंज में स्थित है। इस स्थान से कुछ ही दूरी पर बाघमबारी गद्दी मठ है जहां पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहते हैं। महंत आशीष गिरी बीते कई वर्षों से यहाँ रहा करते थे। जानकारी के मुताबिक शनिवार को आशीष गिरी बाघमबारी गद्दी मठ भी आए थे।