फूल मालाओं से सजे रथ पर निकले महंत
जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के अलावा जूना अखाड़े के महंत संरक्षक महंत हरि गिरी साथ ही जूना अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरि के अलावा पीठाधीश्वरों, महामंडलेश्वरों के फूल मालाओं से सजे रथ सड़कों पर निकले। रास्ते भर जगह-जगह कतारबद्ध श्रद्धालु संतों की झलक पाने के लिए सड़क के दोनों ओर खड़े थे। यह भी पढ़ें
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महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी ने क्या कहा
जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी ने इस अवसर पर बताया, “यह सनातन धर्म सिद्धि का पर्व है। भारत की सनातन संवेदनाएं विश्व में विख्यात हैं। कई करोड़ लोग कुंभ में आ रहे हैं। आज इसका पहला दिन है क्योंकि छावनी प्रवेश को कुंभ का पहला दिन कहा जाता है। हम छावनी में प्रवेश कर रहे हैं। आज सभी संत-महात्मा गिरी कंदराओं से निकलकर आए हैं। लाखों संत और नागा प्रवेश कर रहे हैं। आज से हमारे पूजन और अनुष्ठान के कर्म शुरू हो जाएंगे।”कड़ी सुरक्षा के बीच निकले नागा साधु
इस दौरान जूना अखाड़े में नागा साधुओं समेत पूरे देश में इस अखाड़े के साधु संतों ने हिस्सा लिया। बैंड बाजा घोड़े से नागा साधु अपने आश्रम से निकलकर संगम तट पर बने आश्रम की ओर आए। इस दौरान सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम देखने को मिले। यह भी पढ़ें