प्रयागराज

दिल्ली-हावड़ा रूट में खत्म हो जायेगी ट्रेनों की लेट लतीफी, यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने कर दिखाया ये काम

मालगाड़ियों को डीएफसी ट्रैक पर शिफ्ट होने के बाद सवारी ट्रेनें बिना लेट हुए अपने गंतव्य तक पहुंचेंगी, आज रेलवे बोर्ड की सदस्य (परिचालन और व्यवसाय विकास) जय वर्मा सिन्हा ने सूबेदारगंज स्थित ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण किया, ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर मेक इन इंडिया का एक शानदार उदाहरण है।

प्रयागराजJul 23, 2023 / 10:24 am

Pravin Kumar

डीएफसीसीआईएल ने प्रयागराज में एक अत्याधुनिक ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) स्थापित किया है जो पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) के 1337 किलोमीटर की पूरी मार्ग लंबाई के लिए कमांड सेंटर के रूप में कार्य करेगा, ट्रेन संचालन और बिजली आपूर्ति प्रणाली सहित प्रणाली को नियंत्रित और निगरानी करेगा। ओसीसी “मेक-इन-इंडिया” का एक शानदार उदाहरण है।
विश्व स्तरीय डिजाइन
ओसीसी का कुल निर्मित क्षेत्र 13,030 वर्ग मीटर है और इसे 4.20 एकड़ भूमि पर विकसित किया गया है। यह ट्रेन संचालन के लिए विश्व स्तर पर अपनी तरह की सबसे आधुनिक इमारतों में से एक है। यह भवन सौर ऊर्जा और वर्षा जल संचयन से लैस GRIHA4 की ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग के साथ पर्यावरण के अनुकूल है। ऑपरेशन थिएटर 90 वर्ग मीटर से अधिक की वीडियो दीवार के साथ 1560 वर्ग मीटर से लैस है।
तकनीकी रूप से उन्नत
ओसीसी भारत में अपनी तरह की पहली एकीकृत ट्रेन प्रबंधन प्रणाली (टीएमएस) और पर्यवेक्षी, नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (एससीएडीए) प्रणाली से लैस है, जिसे एल्सटॉम से अत्याधुनिक आइकॉनिस प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है।
पूरे सेक्शन पर चलने वाली ट्रेनों के पूरे संचालन को टाइमस्टैम्प के रूप में दर्ज किया जा सकता है। इस डेटा का विश्लेषण सिस्टम को अधिक मजबूत और कुशल बनाने के लिए किया जा सकता है।
जया वर्मा सिन्हा, सदस्य (परिचालन और व्यवसाय विकास) – रेलवे बोर्ड ने ओसीसी में डीएफसी अधिकारियों के साथ बातचीत की और एनआरपी -2030 के लक्ष्यों को प्राप्त करने में गलियारे की संभावनाओं और इसके लिए दिन-प्रतिदिन के संचालन में आने वाली चुनौतियों के बारे में चर्चा की।
उन्होंने डीएफसी अधिकारियों को 86 प्रतिशत कमीशनिंग हासिल करने और न्यू सोननगर (बिहार) से न्यू साणंद (गुजरात) के बीच कनेक्टिविटी हासिल करने के लिए बधाई दी।
दैनिक आधार पर पावर हाउसेस में कोयले की कमी की मांग, समय से कोयला बिजली घरों में पहुंचना अब सुगम होगा । इससे बिजली घरों में कोयला समय पर पहुंच जाएगा और कोयला खदानों से आगे की लोडिंग के लिए खाली वैगन को वापस कर दिया जाएगा। कोयला , स्टील प्लेट्स , कंटैनर्स के आयात- निर्यात में अब वृद्धि होगी । विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जिस के अनुसार डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का गठन किया गया था वो सुचारु रूप में सफल होता हुआ दिख रहा है ।
निरीक्षण के दौरान निदेशक (परिचालन एवम व्यवसाय विकास) नंदूरी श्रीनिवास एवम सीजीएम ईस्ट ओमप्रकाश एवम जीएम समन्वय प्रयागराज पश्चिम देवेंद्र सिंह एवम अपर महाप्रबंधक परिचालन एवम व्यवसाय विकास मन्नू प्रकाश दुबे आदि ऑफिसर मौजूद रहे।

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