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यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने कपिल मुनि करवरिया की धारा 482 की अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग करने की मांग में दाखिल याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता सुरेश चंद्र द्विवेदी ने कोर्ट से समय की मांग की। याचिका में स्वयं को बेकसूर बताते हुए पुलिस चार्जशीट व केस कार्यवाही को रद्द किए जाने की मांग की गई है। मालूम हो कि 2019 में जिला पंचायत में नियुक्तियों में धांधली की शिकायत की जांच कराई गई। षड्यंत्र व भ्रष्टाचार को लेकर दाखिल रिपोर्ट पर विशेष सचिव उ प्र ने एस पी कौशांबी को एफ आई आर दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया।जिसपर मंझनपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस ने वर्ष 2004-5 व 2009 में लिपिक भर्ती में षड्यंत्र व अनियमितता के आरोप में चार्जशीट दाखिल की।आरोप है कि करवरिया उस समय जिला पंचायत अध्यक्ष थे। यह भी पढ़ें