यह आदेश जस्टिस मंजू रानी चौहान ने सिपाही प्रशांत कुमार की याचिका को मंजूर करते हुए दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम ने बहस की। इनका कहना था कि याची के खिलाफ 10 मई 2021 को महामारी कानून के अंतर्गत थाना – दोघाट जिला बागपत में मुकदमा दर्ज हुआ था। सरकार ने एक नीतिगत निर्णय लेकर 26 अक्टूबर 2021 को महामारी कानून के अंतर्गत दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने का निर्णय लिया। कहा गया की इसी क्रम में 15 फरवरी 2022 को याची पर लगा मुकदमा भी वापस ले लिया गया। याची न तो कभी गिरफ्तार हुआ और न ही उसने कभी जमानत कराई। उसे मुकदमे की कोई जानकारी भी नहीं थी। कहा गया था कि तथ्य छिपाने का आरोप तब सही होता जब याची को केस की जानकारी होती और उसने इसे छुपा लिया होता।
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