98 किलोमीटर लंबी रिंग रोड होगी जिसमें 30 किलोमीटर सड़क पहले से बनकर तैयार है। 5 हजार करोड़ों रुपए की लागत से ये प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है । इसमें गंगा पर दो और यमुना पर एक पुल बनकर तैयार है । रिंग रोड लगभग 98 किलोमीटर की होगी,इसमें लगभग छः तहसीलों और 137 गाँव के लगभग साढ़े चार हजार किसानों की जमीन अधिकृत की जाएगी। अधिकारियों की मानें तो जमीन अधिग्रहण का नोटिफिकेशन किसी भी दिन जारी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि तैयारी पूरी है सरकार से हरी झंडी मिलते ही इस पर काम शुरू किया जाएगा। 137 गांव जिनमें सदर तहसील से 36 गांव फूलपुर से 47 गांव सोरांव के 24 करछना के 36 हडियाँ का एक और बारा के एक गाँव से होकर गुजरेगी । इन सभी गांवों के काश्तकारों की संख्या भी सरकार कोगई है जिसके मुताबिक किसानों की जमीन रिंग रोड के लिए अधिग्रहीत होगी । उन्हें सर्किल रेट से 4 गुना मुआवजा अधिक दिया जाएगा ,अनुमानित मुआवजे को देखा जाए तो लगभग दो हजार करोड़ रुपए मुआवजा राशि किसानों को दी जाएगी। एडीएम प्रशासन बीएस दुबे ने बताया कि प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है काम जल्द शुरू करने की कोशिश की जा रही है सबसे पहले जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू कराने के लिए गांव का नोटिफिकेशन कराने की प्रक्रिया किसी भी दिन शुरू हो जाएगी।
रिंग रोड में अलग-अलग राज्यों के लिए बड़े एंट्री प्वाइंट दिए जाएंगे। रीवा, सीधी, सतना ,जबलपुर, सागर के लिए रिंग रोड बेहद सुविधाजनक होगी मध्य प्रदेश जाने के लिए नैनी के पास से रिंग रोड का प्रवेश दिया जाएगा जो शहर के बाहर से आगे निकल जाएगा। इसी तरह इन राज्यों की पूर्वी उत्तर प्रदेश में जाने वाले वाहनों को नैनी के पास ही रिंग रोड पर इंट्री दी जाएगी। जो करछना होते हुए आगे निकलेगा, बिहार उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के वाहनों को हंडिया, फूलपुर के पास दो स्थानों पर रिंग रोड से प्रवेश दिया जाएगा। इस रिंग रोड से दिल्ली एनसीआर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लिए जा सकेंगे और इन सब को शहर में लगने वाले जाम से निजात मिलेगी । झांसी, बांदा ,बुंदेलखंड अन्य जिलों के वाहनों को बारा तहसील से इंट्री मिलेगी जिन्हें बिहार पूर्वी उत्तर प्रदेश जाने की सुविधा होगी। छत्तीसगढ़ झारखंड के रहने वाले वाहन मिर्जापुर होते हुए नैनी के पास रिंग रोड जौनपुर भदोही वाराणसी के वाहनों को दो स्थानों से प्रवेश दिया जाएगा । जबकि सुल्तानपुर प्रतापगढ़ को एक फतेहपुर और कौशांबी के वाहनों के लिए तीन स्थानों पर विकल्प होगा ।