प्रयागराज

बेटा न होने पर मां को मिलता रहा ताना, बेटी ने 96.25% लाकर घर का नाम किया रोशन, रिजल्ट देख रो पड़े पिता

बेटी की मां निधि गुप्ता ने कहा कि जब अंतरा पैदा हुई तो बहुत लोगों ने कहा कि इस बार लड़का हो जाता तो फैमिली कम्प्लीट हो जाती.. मैं ताना सुनसुन कर तंग आ गई थी।

May 15, 2023 / 12:06 pm

Krishna Pandey

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ICSE 10th result: आईएससीई के नतीजे रविवार की दोपहर घोषित कर दिए गए। प्रयागराज में 10वीं में सेंट मैरिज की अंतरा गुप्ता ने 96.2 प्रतिशत नंबर लाकर परिवार का नाम रोशन कर दिया है। बोर्ड रिजल्ट जारी होने के बाद बच्चों की कामयाबी की कहानियां दिल छू रही हैं। उन्हीं में एक कहानी अंतरा गुप्ता की है।

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पत्रिका यूपी से खास बातचीत में अंतरा गुप्ता की मां निधि गुप्ता ने बताया कि, जब अंतरा पैदा हुई तो बहुत लोगों ने कहा कि इस बार लड़का हो जाता तो फैमिली कम्प्लीट हो जाती। बिना लड़के के परिवार पूरा नहीं होता तब मुझे बहुत बुरा लगता था।

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इन्हीं तानों के बीच मेरी बच्चियां बड़ी हुई है। उस समय मैंने किसी को कोई जवाब नहीं दिया,सब कुछ वक्त और भगवान पर छोड़ दिया।

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लेकिन मन में ये कसक थी कि ये कैसा समाज है जो बिना लड़के के पूरा ही नहीं होता, मेरे मां बाप और भाई हमेशा मेरे सपोर्ट में खड़े रहे और फिर बहुत सारे दोस्तों का साथ मिल गया तो मानो दुनिया से लड़ने की ताकत आ गई। मैं बेटी को पूरी छूट दे रखी थी कि मन का करो, और अपने पर ध्यान दो, आज बेटी ने गर्व करने का मौका दिया है।

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अंतरा के पिता पवन गुप्ता अपनी बेटी की सफलता पर बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि जब बेटी का रिजल्ट आया तो मैं वैष्णो देवी के दर्शन कर रहा था। मुझे शुरू से अपने बेटी पर नाज है, उसने मुझे खुश होने का मौका दिया है। इस सफलता में मेरे इष्टदेवता, और मेरे सभी सुभेच्छ लोगों का बड़ा हाथ है, जो हर मौके पर हमारे साथ खड़े रहे हैं।

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अंतरा बताती हैं कि मां ने बचपन से हमें बहुत अलग माहोल में पाला है, हमें अपने मन की करने की बहुत आजादी। मां बेटी के नाम पर बहुत ताने सुनी है। खासकर अपने लोगों ने मां को बहुत ताने दिए। आज मेरी मां बहुत खुश है, ये मेरी खुशी है।

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पत्रिका यूपी से खास बातचीत में अंतरा गुप्ता ने बताया कि उसने कभी पढ़ाई को बोझ नहीं माना। साथ ही कभी भी पढ़ाई का तनाव नहीं लिया। पढ़ाई के साथ अन्य एक्टिविटीज पर भी ध्यान दिया। अब वह आगे जाकर आईएस बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं। अंतरा अपनी सफलता में अपनी बड़ी बहन प्रशस्ति और अपने घर के अंकल अजय चाचू का मानती है, जिन्होंने हर मौके पर अंतरा का साथ दिया। आगे अंतरा कहती हैं कि मनीष, नीतिश और पीयूष भैइया का इस सफर में साथ भरपूर मिलता रहा है। अब अगला लक्ष्य आईएस बनना है।

 

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