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UP election 2022: प्रयागराज शहर पश्चिमी सीट पर क्यों टिकी है दिग्गजों की नजर, जाने बाहुबली अतीक अहमद का कितनी बार रहा है कब्जा

बाहुबली अतीक अहमद का आज भी वर्चस्व कायम है। बाहुबली अतीक अहमद वर्तमान समय में जेल में कैद है लेकिन चुनावी मैदान में अपनी बेगम को उतार दिया है। राजनीति के सिकंदर कहे जाने वाले बाहुबली अतीक अहमद भाजपा मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को हराने के लिए पूरी तैयारी करते नजर आ रहे हैं। वर्ष 1989 से 2017 के दौरान हुए अब तक के 10 विधानसभा चुनाव में से 6 बार में बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई मोहम्मद अशरफ का कब्जा रहा है।

प्रयागराजFeb 01, 2022 / 08:24 pm

Sumit Yadav

UP election 2022: प्रयागराज शहर पश्चिमी सीट पर क्यों टिकी है दिग्गजों की नजर, जाने बाहुबली अतीक अहमद का कितनी बार रहा है कब्जा

प्रयागराज: प्रयागराज जिले में कुल 12 विधानसभा सीट हैं लेकिन वर्तमान में सबकी नजरें शहर पश्चिमी विधानसभा सीट पर टिकी है। इसी सीट पर सबसे अधिक विधायक रहे बाहुबली अतीक अहमद का आज भी वर्चस्व कायम है। बाहुबली अतीक अहमद वर्तमान समय में जेल में कैद है लेकिन चुनावी मैदान में अपनी बेगम को उतार दिया है। राजनीति के सिकंदर कहे जाने वाले बाहुबली अतीक अहमद भाजपा मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को हराने के लिए पूरी तैयारी करते नजर आ रहे हैं। वर्ष 1989 से 2017 के दौरान हुए अब तक के 10 विधानसभा चुनाव में से 6 बार में बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई मोहम्मद अशरफ का कब्जा रहा है।
लगातार पांच बार रहे विधायक

प्रयागराज के शहर पश्चिम सीट से बाहुबली अतीक अहमद लगातार पांच बार चुनाव जीतकर विधायक रहे और एक बार उनके भाई मोहम्मद अशरफ मैदान में विजयी पारी खेली। इसके बाद इस सीट से बाहुबली राजू पाल का कब्जा रहा और उनके मौत के बाद उनकी पत्नी पूजा पाल दो बार विधायक बनी। 1967 से 2017 तक में हुए विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक मत पाने वाले भाजपा विधायक सिद्धार्थनाथ रहे। 2017 में पहली बार भाजपा ने इस सीट से खाता खोला था। उसके बाद विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। इस बार भी शहर पश्चिम सीट 2022 के चुनाव में चर्चा का केंद्र बिंदु बनी है।
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राजू पाल ने दी थी बाहुबली भाई को शिकस्त

इस सीट से 2004 में हुए उपचुनाव में बाहुबली अतीक अहमद के भाई मोहम्मद अशरफ को बसपा के टिकट से लड़े राजू पाल ने शिकस्त दी थी। 2005 में विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद 2005 के उपचुनाव में बाहुबली के भाई अशरफ को जीत मिली। फिर 2007 के चुनाव में पूजा पाल फिर से मैदान में उतरी और जीत दर्ज की। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे केशव मौर्य तीसरे स्थान पर रहे थे।
2022 में भाजपा को हराने में जुटे विपक्षी

प्रयागराज के बाहुबली अतीक अहमद की पत्नी पहली बार 2022 विधानसभा चुनाव की राजनीति में कूद गई हैं। बाहुबली की पत्नी सहिस्ता परवीन के मैदान में कूदने और अपना दल कमेरवादी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल सपा गठबंधन से लड़ने की तैयारी कर दी हैं। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी सिद्धार्थनाथ सिंह मुश्किलें बढ़ गईं है। भाजपा प्रत्याशी सिद्धार्थ नाथ सिंह एक तरह जहां जीतने का दावा कर रहे हैं वही दूसरी ओर बाहुबली अतीक अहमद हराने की जाल बुनना शुरू कर दिया है।
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ये रहे अब तक के विधायक

2017 में भाजपा विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह ने जीता चुनाव, 2012 में पूजा पाल बसपा से जीती, 2007 में पूजा पाल बसपा से दुबारा जीती, 2005 में मोहम्मद अशरफ जीते, 2004 में बसपा से राजू पाल ने फतेह हाशिल की, 1989 से 2002 तक में एक बार सपा, अपना दल और तीन बार निर्दलीय समेत पांच बार अतीक अहमद लगातार विधायक रहे। 1985 में लोकदल पार्टी से गोपाल दास यादव विधायक रहे, 1980 में कांग्रेस आई से चौधरी नौनिहाल सिंह विधायक रहे, 1977 में जनता पार्टी से हबीब अहमद जीते, 1974 में भारतीय जनसंघ पार्टी से तीरथ राम कोहली जीते, 1969 में निर्दलीय विधायक बने हबीब अहमद और 1967 कांग्रेस पार्टी से चौधरी नौनिहाल सिंह विधायक रहे थे।

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