ये भी पढ़ें- धर्म अपनाना, शादी करना संवैधानिक अधिकार, शादी के लिये धर्म परिवर्तन अस्वीकार्य: हाईकोर्ट बेंच ने यह भी कहा कि पीड़ित को धोखा देने के इरादे से शादी का झूठा वादा करना एक आम घटना बन गई है। अभियुक्त व्यक्ति यह मान लेते थे कि वे ऐसे मामलों में आपराधिक दायित्व और सजा से बच जाएंगे। हमारे समाज की महिला आबादी के लिए शादी का वादा एक बड़ा आकर्षण है, लेकिन वे ऐसी स्थिति में फंस जाती हैं जिसके कारण उनका यौन शोषण होता है।
यह है मामला-
दरअसल पीड़िता एक पुलिस कांस्टेबल है और अनुसूचित जाति से संबंधित है। आरोप है कि अभियुक्त ने उसे शादी को अंतिम रूप देने और उससे संबंधित दस्तावेज तैयार करने के लिए एक होटल में बुलाया था। हालांकि, होटल के कमरे में उसने कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार किया। उसके बाद उसी दिन महिला ने प्राथमिकी दर्ज की और धारा 161 के तहत जांच अधिकारी को दिए गए अपने बयानों में और मजिस्ट्रेट को दिए गए अपने बयानों में प्राथमिकी का समर्थन भी किया। वर्तमान में आरोपी जेल में बंद है। आरोपी ने निचली अदालत द्वारा अपनी जमानत अर्जी खारिज किए जाने के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)5 के तहत दर्ज मामले में आपराधिक अपील दायर की थी।
दरअसल पीड़िता एक पुलिस कांस्टेबल है और अनुसूचित जाति से संबंधित है। आरोप है कि अभियुक्त ने उसे शादी को अंतिम रूप देने और उससे संबंधित दस्तावेज तैयार करने के लिए एक होटल में बुलाया था। हालांकि, होटल के कमरे में उसने कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार किया। उसके बाद उसी दिन महिला ने प्राथमिकी दर्ज की और धारा 161 के तहत जांच अधिकारी को दिए गए अपने बयानों में और मजिस्ट्रेट को दिए गए अपने बयानों में प्राथमिकी का समर्थन भी किया। वर्तमान में आरोपी जेल में बंद है। आरोपी ने निचली अदालत द्वारा अपनी जमानत अर्जी खारिज किए जाने के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)5 के तहत दर्ज मामले में आपराधिक अपील दायर की थी।
आरोपी के थे गलत इरादे-
अदालत ने पाया कि पीड़िता प्यार में थी और उनकी शादी में पारिवारिक बाधा थी जैसा कि अपीलकर्ता-आरोपी ने उल्लेख किया था। इसलिए अदालत ने महिला का होटल जाना भी स्वाभाविक पाया क्योंकि अपीलकर्ता चाहता था कि कोर्ट मैरिज के लिए जरूरी दस्तावेज पर बात स्पष्ट हो जाए। अदालत ने पाया कि लेकिन आरोपी वास्तव में कभी भी पीड़िता से शादी नहीं करना चाहता था और उसके गलत इरादे थे। उसने केवल अपनी वासना को पूरा करने के लिए शादी करने का झूठा वादा किया था। कोर्ट ने कहा कि यह निश्चित रूप से धोखाधड़ी के दायरे में आता है। कोर्ट ने आगे कहा कि यह उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं कि हमारे समाज के बड़े हिस्से में एक महिला पर यौन संबंध बनाने के लिए भावनात्मक दबाव बनाने के लिए शरारती पुरुषों ने झूठे विवाह के वादे को एक प्रभावी साधन के तरह इस्तेमाल किया है।
अदालत ने पाया कि पीड़िता प्यार में थी और उनकी शादी में पारिवारिक बाधा थी जैसा कि अपीलकर्ता-आरोपी ने उल्लेख किया था। इसलिए अदालत ने महिला का होटल जाना भी स्वाभाविक पाया क्योंकि अपीलकर्ता चाहता था कि कोर्ट मैरिज के लिए जरूरी दस्तावेज पर बात स्पष्ट हो जाए। अदालत ने पाया कि लेकिन आरोपी वास्तव में कभी भी पीड़िता से शादी नहीं करना चाहता था और उसके गलत इरादे थे। उसने केवल अपनी वासना को पूरा करने के लिए शादी करने का झूठा वादा किया था। कोर्ट ने कहा कि यह निश्चित रूप से धोखाधड़ी के दायरे में आता है। कोर्ट ने आगे कहा कि यह उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं कि हमारे समाज के बड़े हिस्से में एक महिला पर यौन संबंध बनाने के लिए भावनात्मक दबाव बनाने के लिए शरारती पुरुषों ने झूठे विवाह के वादे को एक प्रभावी साधन के तरह इस्तेमाल किया है।