प्रयागराज

योगगुरु आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट ने की सुनवाई, कोर्ट ने मांगा री-ज्वाइंडर

देश की सबसे बड़ी साधू-संतों की संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत का मामले तीन अभियुक्त जेल में बंद है। मामले में जमानत अर्जी की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही है। गुरुवार को हाईकोर्ट में आरोपी आनंद गिरी की जमानत अर्जी पर कोर्ट ने सुनवाई की। मामले में सीबीआई की ओर से दाखिल जवाब हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड नहीं हो पाया जिसकी वजह से कोर्ट ने अगली सुनवाई तक आनंद गिरी के वकीलों से री ज्वाइंडर मांगा है। मामले में कोर्ट अगली डेट निर्धारित किया है।

प्रयागराजJan 05, 2022 / 05:21 pm

Sumit Yadav

योगगुरु आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट ने की सुनवाई, कोर्ट ने मांगा री-ज्वाइंडर

प्रयागराज : देश की सबसे बड़ी साधू-संतों की संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत का मामले तीन अभियुक्त जेल में बंद है। मामले में जमानत अर्जी की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही है। गुरुवार को हाईकोर्ट में आरोपी आनंद गिरी की जमानत अर्जी पर कोर्ट ने सुनवाई की। मामले में सीबीआई की ओर से दाखिल जवाब हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड नहीं हो पाया जिसकी वजह से कोर्ट ने अगली सुनवाई तक आनंद गिरी के वकीलों से री ज्वाइंडर मांगा है। मामले में कोर्ट अगली डेट निर्धारित किया है।
योग गुरु समेत टीम अभियुक्त

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में महंत योग गुरु आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को आरोपी बनाया गया है। महंत के मौत के बाद से ही तीनों आरोपी नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। कोर्ट में चल रही जमानत अर्जी को लेकर सुनवाई शुरू है।
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यह था पूरा मामला

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर को सोमवार की शाम 5:30 बजे अल्लापुर स्थित बाघम्बरी मठ पर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मठ के कमरे में ही महंत ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की पुलिस ने पुष्टि की थी। महंत नरेंद्र गिरि अचानक मौत हो जाने से कई विवादों पर उंगली उठाई जा रही है। महंत अध्यक्ष पद के निर्वाहन करने के साथ ही वह संत जीवन में कई विवादों से घिरे थे। महंत मौत की जांच सीबीआई को सौंपी गई और जांच करने के बाद सीबीआई ने कुछ रिपोर्ट न्यायालय में पेश किया था। रिपोर्ट आधार पर आनंद गिरि पूरी तरह से आरोपी साबित नहीं है लेकिन मामले में जांच जारी है।
2004 में संभला था बाघम्बरी मठ का कार्यभार

2004 में बाघम्बरी गद्दी संभालने के बाद से ही जमीन, संपत्ति, पुलिस, राजनेता और कई मामले में उनके ऊपर आरोप लगाए जा चूंके थे। दशकों से विवादों में घिरे महंत नरेंद्र ने गिरि ने 20 सितंबर सोमवार की शाम अंतिम सांस ली और दुनिया को अलविदा कर दिया था।
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महंत नरेंद्र गिरि से जुड़े चर्चित विवाद

– महंत ने अपने सबसे करीबी शिष्य को आनंद गिरी को बाघम्बरी मठ से और लेटे हुए हनुमान मंदिर से निष्कासित कर दिया था। जानकारी के अनुसार महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद के ऊपर मठ पैसों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाकर निष्कासित किया था। उसके बाद आनंद गिरि ने महंत के खिलाफ कई वीडियो सोशल मीडिया वायरल करके कई आरोप महंत नरेंद्र गिरि पर लगाये थे। इसके बाद महन्त आनंद गिरि ने 26 मई को नरेंद्र गिरि के पैर पकड़कर माफी मांगकर विवाद खत्म करने का बात सोशल मीडिया में बताई थी।
– 17 नवंबर 2019 को बाघम्बरी मठ में उनके महंत आशीष गिरि के संदिग्ध मौत का आरोप भी महंत नरेंद्र गिरि के ऊपर लगाए गए थे। निरंजनी अखाड़ा के महंत आशीष गिरी बाघम्बरी मठ पर ही रहते थे। महंत के मौत के बाद कुछ लोगों ने महंत के ऊपर आरोप लगाया था।
– महंत नरेंद्र गिरि का 2012 में सपा विधायक से जमीनी विवाद था। हंडिया के विधायक महेश नारायण से लंबे समय तक जमीनी विवाद चला था। इस मामले में महंत ने जार्जटाउन थाने में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था।

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