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न्यायिक मजिस्ट्रेट- तृतीय , मेरठ ने थाना प्रभारी को एफआईआर दर्ज कर विवेचना करने का निर्देश दिया और एफआईआर दर्ज कर ली गई। पुलिस की चार्जशीट पर सीजेएम मेरठ ने संज्ञान लिया और आरोपी को सम्मन जारी किया। जिसे चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि हालांकि सम्मन आदेश को रद्द करने की शक्ति का प्रयोग संयम से और सावधानी के साथ अपवाद स्वरूप किया जाना चाहिए। अदालत आरोपों की विश्वसनीयता या वास्तविकता के बारे में कोई जांच शुरू नहीं कर सकती है। यह विचारण के समय पेश सबूतों पर तय होगा। यह भी पढ़ें