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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में जमानत अर्जी के विचारणीयता के संबंध में प्रारंभिक आपत्ति उठाते हुए। यह एजीए का निवेदन है कि एफआईआर जिला मथुरा में दर्ज किया गया और वहां जांच भी की गई। इसलिए, यह जमानत याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष दायर की जानी चाहिए। इसके जवाब में कोर्ट ने कप्पन के वकील, ईशान बघेल की दलील को ध्यान में रखते हुए कहा कि चूंकि कप्पन के खिलाफ मामले की सुनवाई लखनऊ में चल रही है, इसलिए वर्तमान जमानत आवेदन पर विचार किया जा सकता है। राजद्रोह का लगा आरोप लखनऊ में एनआईए कोर्ट के समक्ष कप्पन के खिलाफ मामला उल्लेखनीय है कि दिसंबर, 2021 में मथुरा की एक स्थानीय अदालत ने कथित हाथरस साजिश मामले में कप्पन और सात अन्य के खिलाफ दर्ज राजद्रोह, यूएपीए मामले को लखनऊ की एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। कप्पन और अन्य पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), राजद्रोह (आईपीसी की धारा 124-ए), धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना (आईपीसी की धारा 153-ए), धार्मिक भावनाओं (आईपीसी की धारा 295-ए) की धारा 17 और 18 और आईटी अधिनियम की धारा 65, 72 और 75 की के तहत आरोप लगाए गए हैं।
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