दरअसल, प्रयागराज स्थित गोल्डेन हाइट अपार्टमेंट निवासी राजेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कोरोना संक्रमित अपनी सास आरती देवी को 24 अप्रैल को रेलवे के केंद्रीय चिकित्सालय में भर्ती कराया था। आरोप है कि तभी से मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी नहीं दी गई। इस बीच प्रतिदिन सुबह नाश्ता व दो वक्त भोजन मरीज के लिए अस्पताल भेजा जाता रहा। आरोप है कि टिफिन के साथ वहां के कर्मचारी को सौ रुपये देने पड़ते थे। मरीज का इलाज भी किस वार्ड में चल रहा था इसकी भी जानकारी नहीं दी गई। कभी आइसोलेशन वार्ड एक के बेड नंबर छह तो कभी ट्राई या एचडीयू वार्ड में भर्ती होने की बात कही जाती रही। लेकिन, एक बार भी मरीज से बात नहीं हो सकी।27 अप्रैल की सुबह करीब 11 बजे अस्पताल से उनकी मौत की सूचना परिवार वालों को दी गई। मरीज के साथ उसका मोबाइल व अन्य सामान था, वह परिवार को वापस नहीं किया गया। इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की गई। जिले में यह मामला वायरल होने के बाद रेलवे ने केंद्रीय चिकित्सालय के कोविड एल-2 में हेल्प डेस्क बनाई।