खतरे के निशान से 2 सेंटीमीटर नीचे बह रही दोनों नदिया प्रयागराज में दोनों नदिया उफान पर हैं लेकिन खतरे के निशान से 2 सेंटीमीटर नीचे हैं। जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी की वजह से प्रयागराज में बाढ़ की स्थिति बन गई है। रविवार को 12 बजे तक गंगा फाफामऊ की तरफ जलस्तर 82.62 mm तक पहुंच गया है। छतनाग की तरफ गंगा का जलस्तर 81.80 mm तक पहुंच गया है। यमुना का जलस्तर नैनी की तरफ 82.39mm तक पहुंच गया है। जिला प्रशासन ने जानकारी दी है कि रविवार को गंगा-यमुना दोनों नदियों में जलस्तर में बढ़ोत्तरी होगी। लेकिन 12 बजे तक जलस्तर थमा है। लेकिन देर शाम जल स्तर बढ़ोत्तरी होने की संभावना जताई जा रही है।
इन इलाकों में पहुंचा बाढ़ का पानी लगातार जलस्तर में बढ़ोत्तरी के चलते जिला प्रशासन ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है। शहर के दारागंज, छोटा बघाड़ा, नेवादा, गंगा नगर, बेली गांव, चिल्ला, बख्शी मोढ़ा, करैलाबाग समेत अन्य मोहल्ले बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। इन इलाकों में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। इसी प्रकार गंगापार और यमुनापार इलाके नैनी, करछना, बारा, सोरांव, हंडिया, फूलपुर, मेजा के कई गांवों तक जाने वाले मार्ग पानी में डूब गए हैं। ऐसे में बिजली विभाग ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। बाढ़ की स्थिति देखते हुए जिला प्रशासन ने राहत शिविर और घाटों पर चौकिया सक्रिय कर दिया है।
राहत शिविर और बाढ़ चौकिया संचालित पिछले दो दिनों से बाढ़ का पानी शहरी इलाकों में प्रवेश कर गया है। शहर और गांव के कई इलाके चपेट में आ गए हैं। जिसमें छोटा बघाड़ा, सलोरी, बेली कछार, ऊंचवागढ़ी, राजापुर, नेवादा, गंगा नगर, चिल्ला, शिवकुटी, म्योराबाद, मेंदौरी, शंकरघाट, दारागंज, सादियाबाद, ककरहा घाट, सदियापुर, करैलाबाग, बक्शी मोढ़ा आदि मोहल्लों के काफी घरों में पानी घुस गया। सोरांव, फूलपुर, हंडिया, करछना, बारा, मेजा क्षेत्र में गंगा व यमुना नदी के किनारे के गांवों में तेजी से पानी घुसने लगा है। इसके मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर से 12 बाढ़ राहत शिविर संचालित कर दिए गए हैैं। इसके साथ ही तटीय इलाकों पर 98 बाढ़- राहत चौकिया सक्रिय करते हुए टीम तैनात किए गए।
बाढ़ क्षेत्र में बने घर डूबे प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ने की वजह से कछारी इलाको में बने नवनिर्माण घर डूबने की स्थिति में है। म्योराबाद और ओमनगर में इन दिनों एक दर्जन से अधिक मकान निर्माणाधीन हैं। इनमें से कई की छत पड़ रही हैं। लोगों का कहना है कि एक सप्ताह की परेशानी के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा।