रास्ते से लौटी डोली
गुरुवार को कठार गांव के सतीश सिंह (45) की बेटी की शादी थी। फतेहपुर के डडियार से उनके दरवाजे पर बारात आई थी। चारो ओर मंगलगीत और शादी की शहनाई बज रही थी। रात में वरमाला के बाद सतीश सिंह ने बेटी और दामाद को आशिर्वाद दिया। लेकिन कुछ देर बाद सतीश को चक्कर आने लगे। लोग उन्हें अस्पताल ले गए। शुक्रवार की सुबह बेटी की विदाई हुई। बेटी अपने ससुराल पहुंचती उससे पहले पिता की मौत की खबर उसके पास आ गई। आधे रास्ते से ही बेटी लौट आई। वापस घर लौटने पर चारो ओर चीत्कार और दहाड़े सुनाई दे रहे थे। हालांकि रिश्तेदार और गांववालों ने अंतिम दर्शन कराके उसे वापस ससुराल भेज दिया।
गुरुवार को कठार गांव के सतीश सिंह (45) की बेटी की शादी थी। फतेहपुर के डडियार से उनके दरवाजे पर बारात आई थी। चारो ओर मंगलगीत और शादी की शहनाई बज रही थी। रात में वरमाला के बाद सतीश सिंह ने बेटी और दामाद को आशिर्वाद दिया। लेकिन कुछ देर बाद सतीश को चक्कर आने लगे। लोग उन्हें अस्पताल ले गए। शुक्रवार की सुबह बेटी की विदाई हुई। बेटी अपने ससुराल पहुंचती उससे पहले पिता की मौत की खबर उसके पास आ गई। आधे रास्ते से ही बेटी लौट आई। वापस घर लौटने पर चारो ओर चीत्कार और दहाड़े सुनाई दे रहे थे। हालांकि रिश्तेदार और गांववालों ने अंतिम दर्शन कराके उसे वापस ससुराल भेज दिया।