प्रयागराज

आश्चर्य की बात: ऐसा क्या हुआ कि 74 साल बाद आबकारी विभाग ने इन लाइसेंस धारकों के तलाश में जुटी, गायब हुए बकाएदार

आजादी के 74 साल बीत जाने के बाद भी लाइसेंस धारक का कोई पता नहीं चल रहा है। बकायेदारों की फ़ाइल लंबे समय से बंद पड़ने की वजह से अब तक उन धारकों का पता नहीं चल सका है। इसमें ऐसे भी लोग शामिल जो आजादी के समय के दौरान शराब का लाइसेंस लिया है लेकिन अब तक शुल्क नहीं जमा कर पाए हैं। जब उन बकायादारों की फ़ाइल खुली तो जाने कौन सी चौकानें वाली बात सामने आई।

प्रयागराजMar 05, 2022 / 03:06 pm

Sumit Yadav

आश्चर्य की बात: ऐसा क्या हुआ कि 74 साल बाद आबकारी विभाग ने इन लाइसेंस धारकों के तलाश में जुटी, गायब हुए बकाएदार

प्रयागराज: आबकारी विभाग में लाइसेंस लाइसेंस लेने के बाद अब तक बकाया शुक्ल जमा नहीं किया है। आजादी के 74 साल बीत जाने के बाद भी लाइसेंस धारक का कोई पता नहीं चल रहा है। बकायेदारों की फ़ाइल लंबे समय से बंद पड़ने की वजह से अब तक उन धारकों का पता नहीं चल सका है। इसमें ऐसे भी लोग शामिल जो आजादी के समय के दौरान शराब का लाइसेंस किया है लेकिन अब तक शुल्क नहीं जमा कर पाए हैं। जब उन बकायादारों की फ़ाइल खुली तो जाने कौन सी चौकानें वाली बात सामने आई। आबकारी विभाग में बकाएदारों के लिए एकमुश्त जमा योजना के तहत विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
इस योजना के तहत फ़ाइल में ऐसे ही एक बकाएदार विष्णु प्रसाद पुत्र स्वरूप निवासी राजेंद्र नगर लखनऊ के हैं। इन्होंने 1948-49 में लाइसेंस लिया और इनकी बकाए के 31 हजार 773 रुपये जमा नहीं किए। इन सभी की फ़ाइल दब जाने की वजह से 74 साल गुजर गए। पुरानी फाइलों में मिले नाम को विभाग की तरफ से नोटिस भेजी जा रही है।
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59 साल पुराने है बकाएदार

आबकारी विभाग में लाइसेंस बकाएदारों की लिस्ट लंबी है। फ़ाइल में 1963-64 के भी बकाएदार हैं। जिनका नाम रघुराज सिंह पर 37 हजार 440 रुपये, मो. गनी पर 2886 रुपये, राजकुमार सिंह पर 2947 रुपये बकाया है। इसके साथ ही 1974 से 1990 तक सबसे अधिक 55 बकाएदार है। सूची में सबसे ज्यादा लोग 1974 से लेकर वर्ष 1990 के हैं। इन 16 सालों में 55 बकाएदार हैं। इन सभी के नोटिस भेजने के साथ ही विभाग के कर्मचारियों को खोजने के लिए लगाया गया है।
दो करोड़ 50 लाख है बकाया

आबकारी विभाग ने दबी फ़ाइल में अब तक 74 बकाएदारों की सूची निकाली है। इन पर कुल मिलाकर दो करोड़ 50 लाख 88 हजार 983 रुपये बकाया है। इसमें से कुछ का पता गलत है तो कुछ की मृत्यु हो चूंकि है। जानकारी के अनुसार इसमें ननकू सिंह, मातादीन, मथुरा प्रसाद हैं। फ़ाइल में 1977 से बकाया है। ननूक सिंह पर 3297 रुपये, मातादीन पर 4200 रुपये और मथुरा प्रसाद पर 2900 रुपये बकाया है। वहीं 1988 के बकाएदार रमेशचंद्र यादव की भी मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने मूलधन तो दिया, लेकिन 5817 ब्याज का नहीं दिया। 1986 के बकाएदार ईश्वर चंद्र की भी मृत्यु हो चुकी है, लेकिन पता सही होने पर इनके परिवार को आरसी जारी की गई है, इन पर आठ लाख 96 हजार 497 रुपये बकाया है। सभी की तलाश जारी है।
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इन योजना से होगी रिकबरी

आबकारी विभाग ने एकमुश्त समाधान योजना निकाली है और इसी योजना के माध्यम से बकायदारों खोजकर बकाया राशि को जमा करवाने का काम शुरू कर दी है। अगर जो भी जमा नहीं करेगा उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई किया जाएगा। वर्ष 1981 में से लेकर 1988 तक के बड़े बकायेदारों का नाम चिन्हित किया गया है सभी से जल्द से जल्द मोती रकम की रिकबरी की जाएगी। जिला आबकारी अधिकारी जितेंद्र कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बकाएदारों की सूची निकाली गई। इन लोगों को नोटिस भेजा गया। इसमें कुछ की मौत हो गई और कुछ का पता गलत है। सभी की जानकारी लेने के बाद शासन को रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजी जाएगी।

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