हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता प्रह्लाद गुप्ता ने रिट दायर करके कहा था कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर हत्या के सात मामलों सहित कुल 24 मुकदमे चल रहे हैं। वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलने के बाद भी उनके खिलाफ चार आपराधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। ऐसे में आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को वाई श्रेणी की कमांडो सुरक्षा देना सही नहीं है। पूर्व में हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए केन्द्र व राज्य सरकार से सुरक्षा देने के कारणों व जमानत निरस्त करने की कार्रवाई पर रिपोर्ट मांगी थी। केन्द्र ने हाईकोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए वाई श्रेणी की सुरक्षा हटाने की बात कही। जबकि राज्य सरकार ने जमानत निरस्त करने की कार्रवाई शुरू करने की बात बतायी। इसके साथ ही कोर्ट ने जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है।
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हाईकोर्ट के आदेश से बाहुबली धनंजय सिंह को लगा तगड़ा झटका
हाईकोर्ट के आदेश से जौनपुर के पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह को तगड़ा झटका लग गया है एक तो कमांडो सुरक्षा हटायी गयी है दूसरी जमानत निरस्त होने पर जेल भी जाना पड़ सकता है। लोकसभा चुनाव 2019 का चुनाव लडऩे की तैयारी किये धनंजय के लिए अब आना वाला समय कठिन साबित हो सकता है। सुरक्षा व्यवस्था हटने का फायदा विरोधी बाहुबली भी उठा सकते हैं। यदि जमानत निरस्त हो जाती ैहै और फिर जेल जाना पड़ता है तो बड़े राजनीतिक दल से टिकट मिलना भी कठिन हो जायेगा।
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हाईकोर्ट के आदेश से जौनपुर के पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह को तगड़ा झटका लग गया है एक तो कमांडो सुरक्षा हटायी गयी है दूसरी जमानत निरस्त होने पर जेल भी जाना पड़ सकता है। लोकसभा चुनाव 2019 का चुनाव लडऩे की तैयारी किये धनंजय के लिए अब आना वाला समय कठिन साबित हो सकता है। सुरक्षा व्यवस्था हटने का फायदा विरोधी बाहुबली भी उठा सकते हैं। यदि जमानत निरस्त हो जाती ैहै और फिर जेल जाना पड़ता है तो बड़े राजनीतिक दल से टिकट मिलना भी कठिन हो जायेगा।
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बीजेपी सरकार में हटायी गयी थी जेड श्रेणी की सुरक्षा, अब वाई श्रेणी भी हटी
धनंजय सिंह पर AK-47 से हमला हुआ था उसके बाद उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली थी। इसके बाद बीजेपी सरकार आयी तो जेड श्रेणी की सुरक्षा हटा कर वाई कर दी गयी थी अब कोर्ट के आदेश के बाद वाई श्रेणी की भी सुरक्षा हट गयी है। हाईकोर्ट का यह आदेश ने बाहुबलियों के लिए भी फजीहत का सबब बन सकता है जिन पर अपराधिक मुकदमे दर्ज हो रहे हैं और सरकार से सुरक्षा व्यवस्था मिली हुई है।
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धनंजय सिंह पर AK-47 से हमला हुआ था उसके बाद उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली थी। इसके बाद बीजेपी सरकार आयी तो जेड श्रेणी की सुरक्षा हटा कर वाई कर दी गयी थी अब कोर्ट के आदेश के बाद वाई श्रेणी की भी सुरक्षा हट गयी है। हाईकोर्ट का यह आदेश ने बाहुबलियों के लिए भी फजीहत का सबब बन सकता है जिन पर अपराधिक मुकदमे दर्ज हो रहे हैं और सरकार से सुरक्षा व्यवस्था मिली हुई है।
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हाईस्कूल में पढ़ते समय ही लगा था हत्या करने का आरोप, इसके बाद बढ़ती गयी सूची
धनंजय सिंह पर जो आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं उसमे कितनी सच्चाई है यह तो कोर्टग् ही तय करेगा। आरोपों की बात की जाये तो धनंजय सिंह पर हाईस्कूल में पढ़ते समय ही हत्या करने का आरोप लगा था। 1990 में एक पूर्व शिक्षक की हत्या करने का आरोप धनंजय सिंह पर लगा था लेकिन पुलिस आरोप साबित नहीं कर पायी थी। इसके बाद धनंजय सिंह पर हत्या, लूट आदि के मुकदमे दर्ज होने लगे। देखते ही देखते जरायम की दुनिया में धनंजय सिंह बड़ा नाम बन गये थे एक समय ऐसा आ गया था कि पुलिस एनकाउंटर के लिए धनंजय सिंह को खोजने लगी थी। पुलिस ने एनकाउंटर भी किया था और उस समय कहा गया था कि धनंजय सिंह मारे गये हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ था। इसके बाद धनंजय सिंह ने राजनीति में कदम रखा और पहले विधायक बने फिर बसपा के टिकट से सांसद चुने गये। इसके बाद नौकरानी हत्या में धनंजय सिंह व उनकी डेंटिस्ट पत्नी जागृति सिंह का नाम आया था उस समय यूपी की मुख्यमंत्री मायावती थी और मायावती ने धनंजय सिंह को खुद अपने आवास पर बुला कर गिरफ्तार कराया था।
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धनंजय सिंह पर जो आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं उसमे कितनी सच्चाई है यह तो कोर्टग् ही तय करेगा। आरोपों की बात की जाये तो धनंजय सिंह पर हाईस्कूल में पढ़ते समय ही हत्या करने का आरोप लगा था। 1990 में एक पूर्व शिक्षक की हत्या करने का आरोप धनंजय सिंह पर लगा था लेकिन पुलिस आरोप साबित नहीं कर पायी थी। इसके बाद धनंजय सिंह पर हत्या, लूट आदि के मुकदमे दर्ज होने लगे। देखते ही देखते जरायम की दुनिया में धनंजय सिंह बड़ा नाम बन गये थे एक समय ऐसा आ गया था कि पुलिस एनकाउंटर के लिए धनंजय सिंह को खोजने लगी थी। पुलिस ने एनकाउंटर भी किया था और उस समय कहा गया था कि धनंजय सिंह मारे गये हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ था। इसके बाद धनंजय सिंह ने राजनीति में कदम रखा और पहले विधायक बने फिर बसपा के टिकट से सांसद चुने गये। इसके बाद नौकरानी हत्या में धनंजय सिंह व उनकी डेंटिस्ट पत्नी जागृति सिंह का नाम आया था उस समय यूपी की मुख्यमंत्री मायावती थी और मायावती ने धनंजय सिंह को खुद अपने आवास पर बुला कर गिरफ्तार कराया था।
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