न्यायिक मजिस्ट्रेट मथुरा की अदालत में राधेश्याम अग्रवाल ने याची के खिलाफ आपराधिक इस्तगासा दर्ज किया। मजिस्ट्रेट ने 15अगस्त 91मे सम्मन जारी किया किन्तु आरोपी याची मामले को लटकाए रखा।इसी बीच राधेश्याम अग्रवाल की मौत हो गई। उनके बेटे राजीव अग्रवाल ने अर्जी दे कर विधिक वारिसों को पक्षकार बनाने की मांग की।याची ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 256मे अर्जी दाखिल कर शादी की मौत के आधार पर केस समाप्त करने की मांग की। मजिस्ट्रेट ने अर्जी निरस्त कर दी। इसके खिलाफ पुनरीक्षण भी निरस्त कर दी गई।जिस पर यह याचिका दायर की गई।
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