उधर, इस प्रकरण पर राज्य सरकार के प्रवक्ता-वरिष्ठ मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री रहते उन्होंने हर जिले में 2 से 3 शव वाहन की व्यवस्था की थी। पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी।
गौरतलब है कि एसआरएन अस्पताल में शंकरगढ़ के कल्लू की पत्नी सोना देवी की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जिसके बाद शव को घर ले जाने के लिए शव वाहन नहीं उपलब्ध हो सका। गमजदा गरीब कल्लू के पास इतने पैसे नहीं थे कि पत्नी का शव निजी वाहन से घर तक ले जा सके। तो उसने अस्पताल से 60 किलोमीटर शव को रिक्शा ट्रॉली में लेकर अपने घर शंकरगढ़ पहुंचा।
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गरीब कल्लू का पत्नी का शव रखकर रिक्शा खींचते हुए तस्वीर सामने आने और मीडिया में वायरल होने के बाद जिला प्रशासन कारस्तानियों पर पर्दा डालने में जुट गया। हालांकि, जब मामला काफी तूल पकड़ लिया तो प्रदेश सरकार ने मामले में जांच के आदेश दे दिए। बता दें कि नगर पंचायत शंकरगढ़ के रहने वाले कल्लू ने अपनी 45वर्षीय पत्नी सोना देवी को छह दिन पहले शहर के स्वरूपरानी अस्पताल में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान गुरुवार सुबह सात बजे उसकी मौत हो गई थी।