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इस प्रकरण से संबंधित पत्रावली सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर कर स्पेशल कोर्ट में आई है। जहां स्पेशल कोर्ट के जज पवन कुमार तिवारी ने जमानत नामंजूर किया, कोर्ट ने कहा अभियुक्त पर लगे आरोप पीड़िता की स्वतंत्रता को बाधित करने और उसकी प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने वाले हैं। साथ ही कहा की यह समाज के प्रति घृणित और गंभीर अपराध है । बता दें कि यह घटना 7 मार्च 2018 की वाराणसी के लंका क्षेत्र की है पीड़िता ने सांसद के खिलाफ 1 मई को केस दर्ज कराया था आरोप है कि घटना के दिन सांसद ने अपनी पत्नी से मिलवाने के बहाने घर बुलाया और पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया।
दुष्कर्म का रोप लगने के बाद बसपा के उम्मीदवार के तौर पर अतुल राय चुनाव प्रचार से भी दूर होना पड़ा था ।लेकिन इस चुनाव में उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार को मात दी थी। इस मामले में अतुल राय चुनाव के दरमियान सुप्रीमकोर्ट तक जमानत लेने गये थे । लेकिन उन्हें जमानत नही मिली थी । चुनाव के समय फरार रहे अतुल राय चुनाव परिणाम आने के बाद दिखाई दिए थे। लेकिन लोकसभा में सांसदों के सपथ के दौरान भी अतुल राय संसद नही पंहुचे थे। यूपी में सपा -बसपा गठबंधन के बाद अतुल राय को बसपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था।