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बसपा विधायक हत्याकांड ने खत्म कर दी यूपी के बाहुबली की सियासत, हत्या के बाद शरीर से निकली थी 19 गोलियां

25 साल बाद टूटा था सियासी तिलिस्म

प्रयागराजJan 25, 2020 / 03:18 pm

प्रसून पांडे

बसपा विधायक हत्याकांड ने खत्म कर दी यूपी के बाहुबली की सियासत, हत्या के बाद शरीर से निकली थी 19 गोलियां

प्रयागराज | पंद्रह बरस पहले 25 जनवरी 2005 को जब देशभर में गणतंत्र दिवस की तैयारियां चल रही थी। उस समय इलाहाबाद की सड़कों पर खूनी खेल चल रहा था। बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल को बीच सड़क पर घेरकर सैकड़ों गोलियां बरसाई गई थी। इस हत्याकांड की तपिश प्रदेश भर पंहुची। इलाहाबाद की सड़कें गलियां आग के हवाले हो गई थी। पूरे शहर में आगजनी तोड़फोड़ और जमकर हंगामा हुआ था। शनिवार को राजू पाल की 15वीं पुण्यतिथि पर उनके समर्थक उन्हें याद कर रहे है।


सियासी दुनिया का नया नाम
राजू पाल हत्याकांड को याद करके आज भी स्थानीय लोग सहम उठते हैं। राजू पाल यूं तो सियासी दुनिया में एक नया नाम था। लेकिन अस्थानी वर्चस्व की जंग में उसका टकराव सीधे बाहुबली नेता अतीक अहमद से था। 2004 में शहर पश्चिमी से विधायक चुने जाने के बाद से ही राजूपाल का पीछा मौत करने लगी थी। यह वही शहर पश्चिमी का विधानसभा था, जहां से बाहुबली अतीक अहमद पांच बार विधायक चुने गए थे। वरिष्ठ पत्रकार पीएन दिवेदी बताते हैं कि 2004 में समाजवादी पार्टी ने फूलपुर से अतीक अहमद को लोकसभा का टिकट दे दिया था।फूलपुर को जीतकर अतीक अहमद ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह की झोली में डाला था। अतीक अहमद सांसद बनने के बाद अपनी सीट खाली पर अपने छोटे भाई अशरफ को विधायक के तौर पर इस सीट पर देखना चाह रहा था।

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25 साल बाद टूटा था

तिलिस्म प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा हुई बसपा के टिकट से राजूपाल ने शहर पश्चिमी से विधानसभा चुनाव जीत लिया। 25 साल बाद अतीक अहमद के कब्जे से यह सीट बाहर चली गई थी।अतीक का भाई अशरफ को 4000 वोटों से राजू से चुनाव हार गया । आरोप है की अपने भाई की हार अतीक अहमद नहीं पचा सका।अतीक भले ही सांसद बन गया हो लेकिन शहर पश्चिमी को चंगुल से बाहर नहीं जाने देना चाहता था। राजू पाल हत्याकांड में सांसद अतीक अहमद उनके भाई अशरफ सहित नौ लोगों पर लगा।अशरफ को छोड़कर सभी आरोपी जेल है। राजूपाल हत्या काण्ड के बाद अतीक अहमद सहित असरफ ने कोई चुनाव नही जीता खत्म हो गई सियासत ।


फ़िल्मी अंदाज में हुई थी हत्या

हत्याकांड के पंद्रह साल बीत गए है, लेकिन आज भी लगता है की सब कुछ कल ही हुआ है।राजूपाल की पांति पूर्व विधायक पूजा पाल कहती है की चुनाव के पीछे अतीक अहमद ने मेरे मांग का सिंदूर छीन लिया। राजू पाल की हत्या रुपहले पर्दे पर फिल्माई गई फिल्म से कम नहीं था। जानकार बताते हैं कि राजू पाल के गांव के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।राजू उसके परिजनों से मिलने पोस्टमार्टम हाउस गए थे। वहां से वापस लौट रहे थे और अपनी क्वालिस गाड़ी खुद ही चला रहे थे ।कुछ लोग बताते है की राजू पाल का पीछा एसआरएन अस्पताल से किया जा रहा था। लेकिन कुछ कहते है की नेहर पार्क मोड़ पर घात लगाकर आरोपी बैठे थे।


शरीर से 19 गोलियां निकली

राजू पाल की गाड़ी जैसे ही नेहरू पार्क पंहुची थी ,उस पर गोलियों की बरसात शुरू हो गई । जानकार बताते हैं असलहों से लैस अपराधियों ने राजू पाल की गाड़ी के आगे एक चार पहिया गाड़ी लाकर खड़ी कर दी। राजू पाल की गाड़ी को चारों तरफ से घेर लिया गया। ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई जा रही थी राजू पाल का शरीर गोलियों से छलनी हो चुका था। पूरे इलाके में अफरा.तफरी मच गई थी। लोग दुकान बंद करके भाग रहे थे। सड़क पर आने जाने वाले गलियों में छिप रहे थे । लगातार गोलियों की आवाज से पूरा इलाका थर्रा गया था। अपराधियों के भागने के बाद जब लोग गाड़ी के पास पहुंचे तो राजूपाल को देखा । राजू पाल को घायल अवस्था में लहूलुहान टेंपो पर लादकर जीवन ज्योति हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने राज्यपाल को मृत घोषित कर दिया। जानकार बताते हैं कि राजू पाल की शरीर से 19 गोलियां निकली थी । इस हत्याकांड में संदीप यादव और देवीलाल की भी मौत हुई थी।
अतीक समेत नौ आरोपी


राजू पाल की हत्या

पूजा पाल से शादी के एक सप्ताह के बाद कर दी गई थी । इस हत्याकांड में अतीक अहमद उसके भाई अशरफ फरहान आबिद रंजीत पाल गुफरान समेत नौ लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। वही राजू पाल की हत्या की खबर सुनते ही पूरे शहर में बवाल हो गया। समर्थकों ने जगह-जगह पर तोड़फोड़ की और निजी वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। राजू पाल की मौत के बाद पूजा पाल को अपना उम्मीदवार बसपा ने बनाया मायावती इलाहाबाद के शहर पश्चिमी में एक बड़ी रैली करके पूजा पाल के सर पर हाथ रखा और कहा कि अब मैं पूजा पाल के साथ हूं।


दो बार विधायक

पूजा पाल लगातार दो बार बसपा से शहर पश्चिमी के विधायक रही। 2017 के विधानसभा चुनाव में पूजा पाल को हार का मुंह देखना पड़ा । इसके कुछ दिनों बाद मायावती ने पूजा पाल को बसपा से बाहर कर दिया। बीते 2019 के लोकसभा चुनाव में पूजा पाल को उन्नाव से समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया । पूजा पाल सपा में कब शामिल हुए किसी को भनक नहीं लगी। लेकिन अब पूजा पाल सपा में हालाकि टिकट घोषित होने के दूसरे ही दिन पूजा पाल का टिकट कट भी गया। लेकिन लोकसभा चुनाव में स्थानीय तौर पर पूजा पाल सपा के स्टार प्रचारकों में शामिल रहे। इलाहाबाद में सपा के चुनावी रथ पर जयाप्रदा और डिंपल यादव के साथ पूजा पाल भी समर्थकों का अभिवादन करती देखी गई।

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