IMAGE CREDIT: Patrika संसदीय चुनाव 2014 का चुनाव गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा था उस समय बीजेपी ने प्लान बी भी तैयार किया था यदि बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता तो किसी अन्य नेता को आगे करके अन्य दलों से समर्थन लेने की तैयारी थी लेकिन ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ी। नरेन्द्र मोदी की लहर ने सभी समीकरणों को ध्वस्त करते हुए पार्टी को पूर्ण बहुमत दिलाया। इसके बाद केन्द्र में बीजेपी की सरकार आराम से चल रही है। बीजेपी में बाहर से शांति दिख रही है लेकिन पार्टी के अंदर सभी कुछ सामान्य नहीं है। बीजेपी भले ही ऐसी किसी बात से इंकार करती हो, लेकिन केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले जाये तो पता चलता है कि वह नेतृत्व करने के लिए तैयार है। कांग्रेस ने जिस तरह से दांव खेलते हुए नितिन गडकरी की तारीफ करते हुए उनके विकास कार्य की सराहना की है उससे नया समीकरण बन रहा है। नितिन गडकरी ने सोनिया गांधी के समर्थन पर ध्यान नहीं देने का बयान देकर विवादो को हवा नहीं दी थी इसके बाद भी राजनीतिक जगत में नितिन गडकरी के नये दांव की जमकर चर्चा हो रही है। यह भी पढ़े:-भगवान श्रीराम वनवास में खाते थे यह फल, कुंभ से पता चल रही यह खास कहानी
कुंभ नगरी में जबरदस्त दिखी थी इन दो बड़े नेताओं की जुगलबंदी कुंभ नगरी में नितिन गडकरी व डिप्टी सीएम योगी आदित्यनाथ की जुगलबंदी से बीजेपी के बड़े नेता परेशान हो सकते हैं। यूपी चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत दिलाने के बाद भी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को सीएम नहीं बनाया गया था इसके बाद से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को इस बात का मलाल आज भी है। बीजेपी को लोकसभा चुनाव २०१९ में पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर नितिन गडकरी नयी सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। विभिन्न न्यूज एजेंसी के सर्वे ने भी बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की रिपोर्ट दी है। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खास माने जाने वाले नितिन गडकरी अब नये अंदाज में राजनीति पारी खेलने को तैयार है। कुंभ में संगम में डुबकी लगाने से लेकर जलपरिवन की योजना से जुड़े टर्मिनल के उद्घाटन के समय नितिन गडकरी व डिप्टी सीएम साथ ही थे। प्रेस कांफ्रेंस भी दोनो नेताओं ने मिल कर की थी। बीजेपी के लिए यह सामान्य बात हो सकती है लेकिन राजनीतिक जगत में इसे नये समीकरणों का जन्म माना जा रहा है।