प्रयागराज

फूलपुर लोकसभा से भाजपा ने बनाया केशरी देवी पटेल को उम्मीदवार, बाहुबली अतीक अहमद को दी थी चुनौती

चार बार रही है जिला पंचायत अध्यक्ष,पटेल विरादरी की मानी जाती है बड़ी नेता

प्रयागराजApr 06, 2019 / 04:49 pm

प्रसून पांडे

bjp

प्रयागराज | लोकसभा चुनाव में देश की वीआईपी फूलपुर सीट पर कांग्रेस के बाद भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। फूलपुर सीट पर सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या और उनके बेटे को प्रबल दावेदार माना जा रहा था। इसी बीच कांग्रेस ने पंकज निरंजन को उम्मीदवार बना कर केशव की गणित बिगाड़ दी थी। तब से यह माना जा रहा था की केशरी देवी पटेल भाजपा का चेहरा हो सकती है। केशरी देवी के अलावा प्रतापपुर विधायक प्रवीण पटेल और उनकी पत्नी गोल्डी पटेल का भी नाम चर्चा में था लेकिन सबसे मजबूत केशरी देवी पटेल को माना जा रहा था। केसरी देवी पटेल इसके पहले भी फूलपुर और इलाहाबाद लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं । 1998 में भाजपा नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी और 2004 में फूलपुर से बाहुबली अतीक अहमद के खिलाफ बसपा के टिकट पर उम्मीदवार थी। 2014 लोकसभा में फूलपुर सीट पर केशव प्रसाद ने पहली बार कमल खिलाया उपचुनाव में हार के बाद भाजपा को सीट पर मजबूत चेहरे की तलाश थी।

बाहुबली अतीक के खिलाफ ठोकी थी ताल
केशरी देवी पटेल मूलतः शंकरगढ़ के रहने वाले हैं शंकरगढ़ के जमींदार परिवार से है। पटेल विरादरी में पुरे जिले में मजबूत पकड रखने वाला परिवार माना जाता हैं। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केशरी देवी पटेल 2004 में भारतीय जनता पार्टी छोड़कर बसपा में गई और 2017 तक पूरा कुनबा बसपा में रहा लेकिन मोदी लहर में विधानसभा चुनाव में भाजपा में वापसी की। केशरी देवी पटेल ने बहुजन समाज पार्टी ने इन्हें फूलपुर से अतीक अहमद के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था । इस चुनाव में केशरी देवी पटेल 2 लाख 35 हजार वोट पाकर दूसरे स्थान पर रही। केशरी देवी चार बार जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी है।

चार बार रही जिलापंचायत अध्यक्ष
केसरी देवी का पटेल वोट बैंक बहुत मजबूत माना जाता है। बीते उपचुनाव से ही भाजपा के कार्यकर्ताओं की मांग थी, की केशरी देवी को फूलपुर से प्रत्याशी बनाया जाए।केशरी देवी पटेल भारतीय जनता पार्टी में 1996 से 2004 तक सक्रिय रही लेकिन । केशरी देवी भारतीय जनता पार्टी से एक बार निर्दलीय और दो चुनाव में बहुजन समाज पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गई। उनके बेटे दीपक पटेल ने सपा की लहर में सपा की दिग्गज नेता रेवती रमण के बेटे को उज्ज्वल रमण को हरा कर विधायक बने थे।

इसलिए सबसे मजबूत केशरी देवी
केशरी देवी पटेल अगर भाजपा की उम्मीदवार बनाई गई है। केशरी देवी के साथ पटेल विरादरी के साथ बसपा का कोर कार्यकर्ता भी जुड़ा है जो सपा बसपा के गठबंधन के लिए मुसीबत बन सकता है।केसर देवी पटेल बहुजन समाज पार्टी के कैडर से 10 साल तक जुड़ी रही हैं। और उनके बेटे बसपा से ही विधायक हुए।केशरी देवी भले ही अब बसपा छोड़ भाजपा में आ गई है लेकिन बहुजन समाज पार्टी के मूल वोट बैंक में आज भी उनकी पकड़ मजबूत है । केशरी देवी के उम्मीदवार बनने पर बड़ी संख्या में बसपाई चेहरों का उनके साथ जाना तय है। वही फूलपुर में पटेल बिरादरी का वोट और बसपा के खेमे में लगने वाली सेंध से भाजपा मजबूत होगी।
जातीय समीकरण
वहीं जातीय समीकरण की अगर बात करें तो फूलपुर संसदीय सीट पर में जातीय आधार पर ढाई लाख यादव मतदाता ढ़ाई लाख मुस्लिम दो लाख कुर्मी तीन लाख दलित डेढ़ लाख ब्राह्मण पचास हजार ठाकुर मतदाता डेढ़ लाख वैश्य डेढ़ लाख बिंद और निषाद दो लाख प्रजापति और विश्वकर्मा एक लाख कायस्थए एक लाख मौर्या और कुशवाहा के साथ ही 75 हजार बंगाली और ईसाई मतदाता हैं।

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