जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने माना की ऐसे कुछ पुलिस कर्मी है कि जो विभाग से ज्यादा उन गैंगस्टर के प्रति ज्यादा वफादार होते हैं, जिन्हें वह जानते हैं। ऐसे पुलिसकर्मी विभाग की छवि को धूमिल करने करने का काम करते हैं। जरूरी है कि ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उनके आचरण की मॉनिटरिंग हो। इसके लिए एक तंत्र विकसित किया जाना चाहिए। यदि पहले से मौजूद है, तो उसे विभिन्न स्तरों पर कसा जाना चाहिए।
दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 302, 307, 504, 506, 353, 332, 333, 396, 412, 120 बी के तहत मामला दर्ज है। आरोप है कि इन दोनों के मुख्य आरोपी विकास दुबे को पुलिस के आने व तैयार रहने की सूचना दी थी। साथ ही दोनों ने पुलिसकर्मियों को उचित सहयोग भी नहीं दिया, जिससे कई जवान शहीद हो गए थे